परिवहन विभाग ने बस संचालकों को नियमों का पालन करने के निर्देश दिए हैं। आमतौर पर इस रूट पर 50 बसों का संचालन होता है, लेकिन मेला को देखते हुए बस संचालक परमिट लेकर ज्यादा बसों का संचालन करेंगे। बसों के साथ ही कई निजी वाहन भी मेला पहुंचते हैं। इसी वजह से ट्रैफिक काफी बढ़ जाता है।
संयुक्त टीम करेगी नियमित गश्त
मेले के दौरान परिवहन विभाग इस रूट पर नियमित गश्त करेगा। वाहनों के सही संचालन के लिए यातायात पुलिस के अधिकारी व कर्मचारी भी छिंदवाड़ा से भूराभगत तक पाइंट बनाकर जांच करेंगे। ये भी पढ़ें:
बिजली कंपनी का ऐलान, ‘सोलर पैनल’ के लिए नहीं लगाना पड़ेगा ‘मीटर’ महादेव मेले के मद्देनजर बस संचालकों की बैठक लेकर निर्देश जारी किए गए हैं। परिवहन विभाग की टीम भी लगातार मेला रूट पर जांच करने निकलेगी। यात्रा करने वाले लोगों को किसी भी तरह की समस्या ना आए इसका ध्यान रखा जाएगा। बस संचालक मेला रूट के लिए विशेष परमिट लेते हैं। – मनोज कुमार तेहनगुरिया, आरटीओ, छिंदवाड़ा
महाराष्ट्र से आते हैं सबसे ज्यादा श्रद्धालु
चौरागढ़ में भगवान भोले के दर्शन करने वाले भक्तों में सबसे ज्यादा लोग महाराष्ट्र के होते हैं। बड़े व छोटे सैकड़ों की संख्या में चौपहिया वाहन छिंदवाड़ा होते हुए पचमढ़ी व भूराभगत जाते हैं। यहां से लोग चौरागढ़ पर्वत पर चढ़ाई शुरू करते हैं।