नगर निगम के अग्निशमन अधिकारियों के अनुसार, कचरे के पहाड़ में बनी मीथेन गैस की अधिकता के कारण आग पर काबू पाना कठिन रहा। मीथेन एक ज्वलनशील गैस है, जो ऑक्सीजन के संपर्क में आते ही भडक़ जाती है। बुधवार दिन में हल्की आग दिखाई दी थी, लेकिन देर रात आग भडक़ गई। इसके बाद नगर निगम के अधिकारी हरकत में आए और तुरंत फायर ब्रिगेड रवाना की गई। नगर निगम के तीन और परासिया, चांदामेटा तथा बडक़ुही की तीन फायर गाडिय़ां भी मौके पर पहुंचीं। पूरी रात नगर निगम की टीम आग पर काबू पाने में जुटी रही।
दूसरे दिन गुरुवार को भी आग बुझाने का काम जारी रहा। धुएं के कारण दमकल कर्मियों को सांस लेने में कठिनाई हुई, लेकिन उन्होंने अपना काम जारी रखा। देर शाम तक आग पर काफी हद तक नियंत्रण पा लिया गया। नगर निगम आयुक्त चंद्रप्रकाश राय का कहना है कि आग के कारणों की जांच की जा रही है।
150 टैंकर पानी, 40 लीटर फोम खर्च
ननि के अग्निशमन अधिकारी अभिषेक दुबे ने बताया कि आग बुझाने के लिए कुल छह फायर वाहन, 150 टैंकर पानी और 40 लीटर फोम का उपयोग किया गया। स्थिति नियंत्रण में है।दस साल से कचरा डम्प
ग्राम जामुनझिरी की खाली पहाड़ी पर दस साल पहले इस कचरा घर को सोनपुर से स्थानांतरित किया गया था। तब से यहां शहर से निकलने वाले प्रतिदिन 65 टन कचरा को लाकर डम्प किया जाता है। नगर निगम के मुताबिक इस कचरा घर में करीब 1.35 लाख टन कचरा मौजूद है।मीथेन गैस से बनी आग बुझाना चुनौतीपूर्ण
नगर निगम के स्वच्छता इंजीनियर अभिनव तिवारी ने बताया कि इस कचरा घर में मीथेन गैस की प्रचुरता है, जो आग को और भडक़ाती रही। फोम स्प्रे से कचरे पर लेयर बनाई गई ताकि ऑक्सीजन से संपर्क टूटे और आग बुझाई जा सके।यह राहत की बात रही कि कचरा घर शहर से 10 किमी और स्थानीय बस्ती से करीब 500 मीटर दूर है, जिससे आग का सीधा प्रभाव लोगों पर नहीं पड़ा। अन्यथा इससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती थीं।