भारत को बिना एक भी मैच हारे खिताब दिलाने की खुशी में डूबी तृषा ने कहा, “यह मेरे लिए सब कुछ है। अभी मैं कुछ कह नहीं पा रही हूं।” उन्होंने अपनी टीम और सहयोगी स्टाफ का आभार जताया और बताया कि उन्होंने अपनी ताकत के हिसाब से गेंदबाजी की। उन्होंने कहा, “जो रणनीति बाकी मैचों में अपनाई थी, वही इस मैच में भी दोहराई। मैं मिताली दी को आदर्श मानती हूं। उम्मीद है कि आने वाले वर्ल्ड कप भी भारत ही जीतेगा।” इतना ही नहीं, त्रिषा को टूर्नामेंट में 309 रन बनाने और 7 विकेट लेने के लिए ‘प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट’ भी चुना गया।
त्रिषा की इस बात पर हंस पड़ी प्रेजेंटर
स्कॉटलैंड के खिलाफ उनके शतक ने सभी को चौंका दिया था। उन्हें यह पुरस्कार पूर्व भारतीय क्रिकेटर और आईसीसी हॉल ऑफ फेम में शामिल नीतू डेविड ने दिया, जो वर्तमान में भारतीय महिला टीम की मुख्य चयनकर्ता हैं। त्रिषा ने यह पुरस्कार अपने पिता को समर्पित किया, जो स्टेडियम में मौजूद थे। उन्होंने कहा, “अगर पापा नहीं होते तो मैं यहां तक नहीं पहुंच पाती। मैं अपने पावर गेम पर काम कर रही थी। हमारे बल्लेबाजी कोच अपूर्व देसाई सर ने मुझसे कहा था कि मैं ओपनिंग करूंगी, इसलिए तैयार रहूं। इस दौरान प्रेजेटर ने उन्हें भविष्य में बेहतरीन ऑलराउंडर बनने की शुभकामनाएं दी तो त्रिषा ने ऐसी बात कही, जिससे मैदान पर मौजूद सभी हंसने लगे। त्रिषा ने बड़ी मासूमियत से कहा, “मैं हमेशा से ऑलराउंडर रही हूं और अपने देश के लिए खेलकर लगातार जीत दिलाना चाहती हूं।” फाइनल जीतने के बाद विकेटकीपर जी कमलिनी ने खुशी में कहा, “लड़कियों, कप जीत लिया!” भारत की उप-कप्तान सानिका चालके के लिए यह सपना सच होने जैसा था। उन्होंने कहा, “यह अविश्वसनीय अहसास है। मैंने दो साल से इसका सपना देखा था। यकीन नहीं हो रहा कि मैंने विजयी रन बनाए। हमें ज्यादा बल्लेबाजी का मौका नहीं मिला, इसलिए मैंने फील्डिंग में अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश की। यह हमारी टीम के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।”