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दमोह

27 नर्सिंग होम्स का लाइसेंस होगा रद्द! फर्जी डॉक्टर नरेंद्र जॉन केम केस के बाद एक्शन में प्रशासन

mp news: एमपी के दमोह में सीएमएचओ के निर्देश पर दो दल ने जांच की शुरू कर दी है। इसी कड़ी में जांच टीम ने 27 नर्सिंग होम्स की जांच करने का मन बनाया है जहां, कमियां मिलने पर उनका लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है।

दमोहApr 30, 2025 / 02:17 pm

Akash Dewani

Damoh Health department and district Administration in action after fake doctor Narendra John Kem case mp news
fake doctor Narendra John Kem case: मध्य प्रदेश के दमोह में स्थित मिशन अस्पताल में फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट की नियुक्ति और फर्जी साइन से कैथलैब के पंजीयन के मामले के उजागर होने के बाद पूरे प्रदेश में अलर्ट है। निजी अस्पतालों की जांच के आदेश के साथ ही सघन जांच शुरू हो गई है। इसी कड़ी में दमोह जिले में भी जांच दल जांच में जुटा हुआ है।

CMHO ने बनाई टीम

सीएमएचओ ने जांच के लिए दो दल गठित कर दिए हैं। यह दल एक-एक कर जिले भर के नर्सिंग होम का विजिट करेगा। जहां-जहां कमियां पाई जाएंगी। उन्हें नोटिस दिए जाएंगे। तय समय में यदि सुधार नहीं किया जाता है तो संबंधित निजी अस्पताल का पंजीयन कैंसिल किया जाएगा। इधर, जांच दल ने जांच शुरू कर दी है।
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पिछले साल हुई थी जांच

पिछले साल दिसंबर महीने में जांच हुई थी। मार्च महीने में फिर से जांच होना थी, लेकिन फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट का मामला उजागर होने के बाद जांच प्रक्रिया नहीं अपनाई जा सकी। अब अप्रैल महीने में जांच हो रही है। दोनों दलों को 27 नर्सिंग होम की जांच कर सीएमएचओ को रिपोर्ट देना है।

दमोह अस्पताल में भी टीम ने दी दबिश

दमोह हॉस्पिटल पर टीम ने पहुंचकर पड़ताल की। दल में शामिल डॉ. राजेश नामदेव ने तय बिंदुओं के आधार पर जांच की। अस्पताल का अवलोकन किया। पार्किंग, बायोमेडिकल वेस्ट के निष्पादन, तमाम तरह की एनओसी, फैकल्टी, स्टाफ आदि की जानकारी ली। दस्तावेज एकत्र किए। हालांकि यहां पर बड़ी खामी न मिलना बताई जा रही है। एक जांच दल में डीएचओ-1 विक्रांत सिंह और दूसरे गठित जांच दल में डॉ. राजेश नामदेव है।
प्रभारी जांच दल के डॉ. राजेश नामदेव, ने बताया कि सीएमएचओ ने जांच दल गठित किया है। मुझे आठ नर्सिंग होम की जांच करना है। बाकी की जांच दूसरे दल के प्रमुख करेंगे। मैंने जांच शुरू कर दी है।
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एनआरसी में मिली गंदगी

शहर के कई बड़े अस्पतालों में काफी गड़बड़ियां हैं। बिना पंजीयन के पैथोलॉजी, सोनोग्राफी, एक्सरे हो रहे हैं। आइसीयू में योग्य चिकित्सक नहीं है। फार्मासिस्ट की जगह अपात्र दवाओं का वितरण कर रहे हैं। इस बड़े मामले के उजागर होने के बाद अब कार्रवाई का डर सभी को सता रहा है। यही वजह है कि जांच के बीच अस्पताल संचालक अपनी-अपनी कमियों को ढांकने में जुट गए हैं। सूत्रों की माने तो कमियों के संबंध में अस्पतालों से आवेदन किए जाने लगे हैं। मसलन पैथोलॉजी के लाइसेंस रिन्युअल या पैथोलॉजिस्ट न होने के कारण पैथोलॉजी का संचालन न किए जाने के संबंध में सीएमएचओ को जानकारी दी जा रही है।

सीएमएचओ ने फटकारा

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मुकेश जैन ने एनआरसी का निरीक्षण किया। इस दौरान पाया कि सिर्फ पांच बच्चे भर्ती है। साफ-सफाई में कमी पाई। कचरा का नियमित उठाव न होने पर उन्होंने सफाईकर्मी को फटकार लगाई। निर्देश दिए कि एनआरसी में साफ-सफाई का उच्च स्तर बना कर रखें। ताकि बच्चों को स्वस्थ-सुरक्षित वातावरण मिल सके। डॉ. जैन के एनआरसी निरीक्षण दौरान मौजूद नर्सिंग स्टाफ ने बताया कि चिकित्सक द्वारा एनआरसी का भ्रमण कर बच्चों के स्वास्थ्य पर निगरानी रखी जाती है। डॉ. जैन ने नर्सिंग स्टाफ से कहा कि एनआरसी में बेड की संख्या अनुरूप कुपोषित बच्चों को भर्ती करने और उनकी देखभाल के सभी आवश्यक प्रयास करें।

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