ऑनलाइन होगी निगरानी
नया सिस्टम में हर उपभोक्ता के अलावा राशन दुकान की ऑनलाइन निगरानी होगी। किस उपभोक्ता भंडार पर कितना राशन पहुंचा। संबंधित दुकान से कितने परिवारों को वितरण किया गया। शेष राशन कितना बचा है इसकी जानकारी के लिए अब अधिकारियों को उपभोक्ता केंद्र पर का निरीक्षण करने की जरूरत नहीं है। दरअसल यह सारी जानकारी वे अपने दफ्तर में ही बैठकर देखी जा सकेगी। स्मार्ट पीडीएस स्कीम के तहत जिले की सभी दुकानें डिजिटल रूप में स्मार्ट बनेंगी। इन दुकानों की ऑनलाइन मॉनिटङ्क्षरग की जाएगी। साथ ही केंद्र सरकार द्वारा इस स्कीम के क्रियान्वयन में 60 प्रतिशत राशि दी जाएगी। 40 प्रतिशत राशि को राज्य सरकार खर्च करेगी।20 फीसदी लोगों के अंगूठे के निशान में परेशानी
जिले में 10 लाख 78 हजार उपभोक्ताओं को गरीब कल्याण योजना के तहत नि:शुल्क अनाज दिया जाता है। लेकिन इसमें से करीब डेढ़ लाख लोगों की ई-केवायसी नहीं हो पाई है। इसमें 20 फीसदी लोग तो ऐसे लोग हैं, जिनके अंगूठे के निशान नहीं आ पा रहे हैं। इसमें बुजुर्गों की संख्या काफी है। वहीं 40 फीसदी ऐसे उपभोक्ता हैं, जो मिल नहीं रहे हैं। इसी तरह 20 फीसदी युवतियां हैं, जिनके नाम राशन कार्ड में तो हैं, लेकिन उनके विवाह हो चुके हैं। वह अपना नाम कटवाने नहीं आ रही हैं। ऐसे में ये नहीं पता चल रहा कि उनके नाम दूसरी जगह जुड़े हैं या नहीं।फैक्ट फाइल
10 लाख 78 हजार सदस्य जिले में दर्ज।9 लाख से अधिक की हो चुकी केवायसी
डेढ़ लाख करीब अब भी शेष
15 मई है आखिरी डेट
प्रयास किए जाएंगे
समस्या जो भी उसका समाधान किया जाएगा, लेकिन मौजूदा स्थिति में ई-केवायसी जरूरी है। ये नहीं होने पर उक्त व्यक्ति को राशन नहीं मिलेगा। आगे इसमें कोई विकल्प आता है तो प्रयास किए जाएंगे।- राजेश पटेल, खाद्य आपूर्ति अधिकारी दमोह