Phagun Madai 2025: स्थानीय लोगों के लिए एक विशेष सांस्कृतिक पर्व
कलश स्थापना रस्म अदायगी के लिए सुबह 11 बजे प्रधान पुजारी, सेवादार और 12 लंकवार की उपस्थित में छत्र और लाठ को मंदिर से निकाला गया। प्रवेश द्वार पर पुलिस के जवानों द्वारा हर्षफायर कर सलामी दी गई। शाम को
मां दंतेश्वरी की डोली को मावली माता मंदिर से निकाला गया, उसके बाद परिक्रमा पूरी की गई। डोली परिक्रमा करते हुए दंतेश्वरी सरोवर के किनारे स्थित नारायण मंदिर पहुंची।
जहां परंपरानुसार डोली को जवानों की तरफ से हर्ष फायर कर सलामी दी गई। तत्पश्चात डोली की पूजा अर्चना कर, विधि विधान के साथ डोली वापस मंदिर में लें जाया गया। इस पवित्र अवसर पर सेवक पुजारी और मांझी चालकी भी उपस्थित थे, जिन्होंने इस आयोजन की धार्मिक महत्वता को और बढ़ाया। यह मेला हर साल श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है, जो स्थानीय लोगों के लिए एक विशेष सांस्कृतिक पर्व बन चुका है।
ताड़फलंगा धोनी की रस्म पूरी की गई
Phagun Madai 2025: मंदिर के पुजारी परमेश्वर नाथ जिया ने बताया कि कलश स्थापना के साथ 10 दिनों तक चलने वाले फागुन मड़ई का शुभारम्भ हो गया है, जिसमें कलश स्थापना के साथ मावली माता मंदिर से माता के डोली को नारायण मंदिर ले जाया गया जहां ताडफलंगा धोनी की रस्म पूरी की गई।