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Saraswati Stotram Path: बसंत पंचमी पर करें सरस्वती स्तोत्रम का पाठ, ज्ञानार्जन करने वालों को मिल सकता है विद्या और वाणी का वरदान

Saraswati Stotram Path: बसंत पंचमी के पावन दिन पर मां सरस्वती की पूजा करने से पुण्यफल की प्राप्ति के साथ-साथ ज्ञानार्जन करने की शक्ति बढ़ती है और जीवन में मधुरता आती है।

जयपुरJan 29, 2025 / 09:57 am

Sachin Kumar

Saraswati Stotram Path

बसंत पंचमी पर सरस्वती स्तोत्रम का पाठ

Saraswati Stotram Path: बसंत पंचमी का पर्व मां सरस्वती की उपासना का विशेष दिन होता है। इस दिन मां सरस्वती की कृपा पाने के लिए भक्तजन विशेष पूजा-अर्चना करते हैं और सरस्वती स्तोत्रम का पाठ कर ज्ञान, विद्या और वाणी का वरदान प्राप्त करते हैं। सरस्वती स्तोत्रम का नियमित जाप करने से बुद्धि तेज होती है। साथ ही स्मरण शक्ति बढ़ती है और वाणी में मधुरता आती है।

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बसंत पंचमी पर सरस्वती पूजा का महत्व

हिंदू पंचांग के अनुसार बसंत पंचमी माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि यानि 2 फरवरी रविवार को मनाई जा रही है। इस दिन विद्या, कला, संगीत और ज्ञान की देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। विद्यार्थियों, कलाकारों, संगीतकारों और लेखकों के लिए यह दिन विशेष रूप से शुभ होता है। बसंत पंचमी के दिन पीले वस्त्र पहनने, पीले फूल चढ़ाने और पीले भोजन का भोग लगाने की परंपरा है।
सरस्वती स्तोत्रम एक दिव्य स्तोत्र है। जिसमें मां सरस्वती के गुणों और महिमा का वर्णन किया गया है। इस स्तोत्र का पाठ करने से मानसिक एकाग्रता बढ़ती है और वाणी में मिठास पैदा होता है। यह स्तोत्र विद्यार्थियों के लिए अत्यंत लाभकारी और शुभ माना जाता है।

सरस्वती स्तोत्रम का पाठ करने से पहले करें ये काम

इस शुभ दिन पर जातक को सुबह जल्दी उठकर नित्य क्रियाओं से निवृत्त होकर पवित्र जल से स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिए। इसके बाद मां सरस्वती की मूर्ति या चित्र लगाएं और उसके सामने दीप जलाकर पीले देवी को अर्पित करें।
इसके साथ ही ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः मंत्र का जाप करें और श्रद्धा भाव से सरस्वती स्तोत्रम का पाठ करें। पूजा के अंत में माता सरस्वती से विद्या, बुद्धि और वाणी के वरदान की प्रार्थना करें।
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सरस्वती स्तोत्रम

या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता।
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना॥
या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता।
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥

शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं।
वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्॥
हस्ते स्फटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्।
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्॥

सरस्वती स्तोत्रम का पाठ करने के लाभ

सरस्वती स्तोत्र के पाठ से ज्ञान, स्मरण शक्ति और निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है। नियमित पाठ करने से वाणी प्रभावशाली और मधुर बनती है। कलाकारों और लेखकों के लिए यह स्तोत्र बहुत लाभकारी होता है। परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को सरस्वती स्तोत्र का पाठ करने से मन शांत और एकाग्र रहता है।
बसंत पंचमी के दिन सरस्वती स्तोत्रम का पाठ करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इससे विद्या, वाणी और बुद्धि का विकास होता है। विद्यार्थियों, कलाकारों और वक्ताओं को इस दिन माता सरस्वती की आराधना जरूर करनी चाहिए। यदि आप भी ज्ञान और वाणी का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं, तो इस बसंत पंचमी पर सरस्वती स्तोत्रम का पाठ अवश्य करें।
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