कब है वसंत पंचमी, जानिए महाकुंभ में इस तिथि को शाही स्नान का महत्व
बसंत पंचमी पर सरस्वती पूजा का महत्व
हिंदू पंचांग के अनुसार बसंत पंचमी माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि यानि 2 फरवरी रविवार को मनाई जा रही है। इस दिन विद्या, कला, संगीत और ज्ञान की देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। विद्यार्थियों, कलाकारों, संगीतकारों और लेखकों के लिए यह दिन विशेष रूप से शुभ होता है। बसंत पंचमी के दिन पीले वस्त्र पहनने, पीले फूल चढ़ाने और पीले भोजन का भोग लगाने की परंपरा है।सरस्वती स्तोत्रम का पाठ करने से पहले करें ये काम
इस शुभ दिन पर जातक को सुबह जल्दी उठकर नित्य क्रियाओं से निवृत्त होकर पवित्र जल से स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिए। इसके बाद मां सरस्वती की मूर्ति या चित्र लगाएं और उसके सामने दीप जलाकर पीले देवी को अर्पित करें।इस शुभ योग में मनेगा वसंत पंचमी पर्व, जानिए पूजा का विधान
सरस्वती स्तोत्रम
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता।या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना॥
या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता।
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥ शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं।
वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्॥
हस्ते स्फटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्।
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्॥