धौलपुर. कभी तेज गर्मी तो कभी आंधी पानी से जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या भी बढऩे लगी है। मौसम के बदलते मिजाज और हवाओं के संक्रमण के कारण वायरल सहित सर्दी जुकाम के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। जिला अस्पताल की ओपीडी में 100 तो एमसीएच की ओपीडी में 400 मरीज उपचार कराने पहुंचे। यानी दोनों अस्पतालों में पहुंचे मरीजों की संख्या 1400 रही।
मौसम की लुकाछुपी के बीच अस्पतालों में मरीज बढऩे लगे हैं। एमसीएच सहित जिला अस्पताल में व्यवस्थाएं चाक-चौबंद करने के निर्देश दिए गए हैं। अस्पतालों की ओपीडी खुलते ही मरीजों की भीड़ उमड़ पड़ी। जिला अस्पताल में इन दिनों वायरल, सर्दी, जुकाम, पेट दर्द के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। डॉक्टर मरीजों को खान-पान को लेकर एहतियात बरतने की सलाह दे रहे हैं। शनिवार को जिला अस्पताल की ओपीडी में 1000 मरीज तो एमसीएच की ओपीडी 400 मरीज पहुंचे। नवीन जिला अस्पताल की तो हालत यह है कि सुबह की ओपीडी के दौरान पर्चा बनवाने से लेकर चिकित्सकों को दिखाने और जांच कराने तक लंबी लाइन लग रही है। बदलते मौसम का असर लोगों के स्वास्थ्य पर भी साफ दिखाई दे रहा है। कभी तेज धूप तो कभी आसमान में छाए बादलों और चल रही हवा लोगों की सेहत बिगाड़ रही है। इससे जिला अस्पताल की ओपीडी में वायरल, सर्दी जुकाम, उल्टी, सिरदर्द, तेज बुखार के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती रही है।
मौसम परिवर्तन का असर: डॉ.जिंदल जिला अस्पताल के सीनियर फिजिशियन डॉ.दीपक जिंदल ने बताया कि मौसम परिवर्तन का समय है। इस दौरान लोग पंखे के नीचे सीधी हवा में ही सो जाते हैं तो वहीं बाहर से आकर ठण्डा पानी पी लेते हैं जिस कारण लोग संक्रमण के चपेट में आकर वायरल, सर्दी जुकाम और गले की खराश का शिकार हो रहे हैं। तेज गर्मी के कारण शरीर में इलेक्ट्रोलाइट के असंतुलित होने पर दस्त और रक्तचाप के कम होने की समस्या मरीजों में देखने को मिल रही है। पेट दर्द, दस्त, खांसी के मरीजों की संख्या बढ़ी है। सभी लोग अस्पताल में दिखाकर उपचार ले रहे है।
बच्चों का रखें विशेष ख्याल: डॉ.गर्ग बाल रोग विशेषज्ञ और एमसीएच प्रबंधक डॉ. हरिओम गर्ग ने बढ़ती गर्मी से बच्चों को बचाने के लिए उपाय बताते हुए कहा कि बच्चों के खान-पान पर विशेष ख्याल रखने की आवश्यकता है। बाहर का खाना खाने पर बीमार होने का खतरा बढ़ गया है। तो वहीं बाहर निकलने से पहले सिर और चेहरा को ढककर और पूरी बांह के कपड़े पहनकर निकलें। साथ ही बच्चों को समय-समय पर खूब पानी पिलाएं। जिससे डिहाइड्रेशन की शिकायत ना हो सके। बाहर का खाना खाने पर टायफायड, डायरिया, शौच मेें खून और पीलिया जैसी बीमारी हो सकती है। यही नहीं इन दिनों फूड प्वाइजनिंग का खतरा भी बना रहता है। जहां तक संभव हो बच्चों को बाहर की चीजें न खाने दें। वहीं ठंडा पानी पीने से वायरल और गले में तकलीफ भी हो सकती है।
वायरल इफेक्टेड ज्यादा मरीज गर्मियों की शुरुआत के साथ कभी बढ़ते-गिरते तापमान के कारण शहर में वायरल पीडि़तों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इन मरीजों में हल्के बुखार सहित इंफेक्शन के लक्षण पाए गए हैं। जिनका फिलहाल इलाज किया जा रहा है। बदलते मौसम के चलते ये बीमारियां होना आम बात है। जिला अस्पताल में महिला व पुरुष मेडिकल वार्ड हैं। इनमें पुरुष मेडिकल वार्ड में 45 बेड और महिला मेडिकल वार्ड में 55 बेड की क्षमता है। जिनमें अच्छे खासे मरीज भर्ती हैं।
ऐसे बचें इस मौसम की मार से – पंखे और कूलर की हवा में सीधे ना सोएं। – बाहर से आने के बाद तत्काल पानी ना पिएं। – अभी ज्यादा ठण्डे पेयजल का उपयोग ना करें।
– नाक और मुंह का ढंककर बाहर निकलें। – हाइड्रेटेड रहने को ज्यादा पानी पिएं। – हल्के, ढीले, हल्के रंग के कपड़े पहनें। – धूप में बाहर निकलते समय सिर ढकें, टोपी या छाता का इस्तेमाल करें।
– बाहर के खाने से बचें, हल्का भोजन करें। – एयर कंडीशनं का इस्तेमाल अभी कम करें।