धौलपुर. जिला मुख्यालय पर अगर कोई भीषण समस्या इन दिनों है तो वो शहर की तीन दर्जन से अधिक कॉलोनियों में सीवरेज ब्लॉक और जलभराव है। गत मानसूनी बरसात ने शहर में कई कॉलोनियों को ‘टापू’ बना दिया था। लोग घरों से पलायन कर गए थे। सैकड़ों परिवार का जीवन नरकीय बन गया था। हालांकि, गर्मी का सीजन शुरू होने और नगर परिषद की ओर से बीते कुछ दिनों से सीवरेज लाइन की समस्या पर खास ध्यान देने से स्थिति में कुछ सुधार होने लगा है। हालांकि, अभी भी बड़े स्तर पर सीवरेज लाइन की सफाई होना शेष है। बता दें कि शहरी क्षेत्र में करीब 171 किलोमीटर सीवरेज लाइन बिछी हुई है। शहर में सीवरेज साल 2017 में शुरू हो गई थी। शुरुआत में सफाई कार्य हुआ लेकिन धीरे-धीरे सफाई बंद होने और काफी समय से सीवरेज पर ध्यान नहीं देने से समस्या ने विकराल रूप धारण कर लिया। गत बरसाती सीजन ने सीवरेज व्यवस्था और जल निकासी के प्रबंधन की पोल खोल कर रखी थी। इसका हल्ला जयपुर तक पहुंचा और जिला और नगर परिषद ने मामले को गंभीरता से लिया, जिस पर सीवरेज सफाई का कार्य शुरू हो गया। लेकिन अब नगर परिषद के संसाधन कम पड़ गए और जो हैं, वे हांफने लगे हैं। नगर परिषद प्रशासन ने नवीन संसाधन खरीद के लिए स्वायत्त शासन और जिला कलक्टर को पत्र लिखा है। उधर, आयुक्त ने करीब एक माह में सीवरेज लाइनों की सफाई करने और आमजन को राहत मिलने का दावा किया है। लेकिन इस दावे का ट्रॉयल आगामी मानसूनी बरसात में ही हो पाएगा।
ड्रेनेज सिस्टम सुधार के लिए चाहिए 260 करोड़ रुपए उधर, शहर के 60 वार्डों के ड्रेनेज सिस्टम सुधार और जल निकासी के लिए करोड़ों रुपए की जरुरत है। परिषद ने मोटा आकलन करवा कर करीब 250 करोड़ रुपए की सरकार से मांग की है। परिषद का कहना है कि शहर में सीवरेज लाइन साल 2017 में शुरू हुई थी। सीवरेज बिछाने के बाद करीब 10 साल बेहतर सर्विस होती है। इसके बाद पुन: सुधार की जरुरत पड़ती है। शहर के आउटर इलाके में नई कॉलोनियों की बसावट हुई है लेकिन जल निकासी के प्रबंध नहीं है। ऐसे में नई सीवरेज लाइन बिछाने और पुरानी को दुरुस्त करने के लिए भारी भरकम बजट की जरुरत है।
चैम्बरों हो रहे ऊंचे, जिससे बरसाती पानी जाए नगर परिषद सीवरेज की सफाई के साथ चैम्बरों को भी दुरस्त करवा रही है। कॉलोनियों में दबे चैम्बरों को सडक़ से कुछ ऊंचा किया जा रहा है। जिससे बरसात के दौरान पानी तो चैम्बर में जाए लेकिन सिल्ट अंदर प्रवेश नहीं करें। वर्तमान में सीसी सडक़ों का निर्माण होने से ज्यादातर शहर में चैम्बर नीचे दब गए हैं। बरसात और सफाई के दौरान चैम्बर में आसानी से सिल्ट और कचरा घुस रहा है। जो सीवरेज को ब्लॉक कर रहा है। एक्सईएन गुमान सिंह ने बताया कि चैम्बरों की मरम्मत करवाई जा रही है और उन्हें कुछ ऊंचा किया जा रहा है। जिससे सिल्ट को बाहर ही रोका जा सके।
कच्चे नाले से चंबल में जाएगा पानी उधर, नगर परिषद छीतरिया ताल और आसपास के इलाके में बरसात के अतिरिक्त पानी को सडक़ और कॉलोनियों में घुसने से रोकने के लिए छितरिया ताल से आईटीआई की तरफ होते हुए चंबल की तरफ एक कच्चा नाला फिलहाल तैयार होगा। जिससे अतिरिक्त बरसाती पानी को इस कच्चे नाले के रास्ते निकाला जा सके। गत बारिश में छितरिया ताल के पानी से शहर में हाहाकार मचा दिया था। कई कॉलोनियों में पानी घुस गया जो अभी तक बना हुआ है। साथ ही शहर से गुजर रहे हाइवे 11बी की हालत बिगाड़ दी।
नई तकनीक से तैयार हो रहा एसटीपी प्लांट उधर, सीवरेज के पानी के लिए यहां तगावली स्थित पुराने प्लांट के पास ही एक नवीन तकनीक एसबीआर आधारित एसटीपी प्लांट तैयार हो रहा है। यह प्लांट बॉयो तकनीक की तर्ज पर कार्य करेगा। यहां पानी शुद्धिकरण होने के बाद सीवर के पानी को कृषि कार्य में लिया जा सकेगा। अभी तक पुराने प्लांट का पानी उपयोग में नहीं आ रहा है।
– शहर में सीवरेज लाइन की सफाई करवाई जा रही है। अगले माह तक ज्यादातर लाइनों की सफाई कर दी जाएगी। सफाई कार्य के लिए और संसाधन खरीद के लिए डीएलबी को पत्र लिखा जा रहा है। उपलब्ध संसाधन कम पड़ रहे हैं। जिससे भी सफाई कार्य प्रभावित हो रहा है।- गुमान सिंह, अधिशासी अभियंता, नगर परिषद धौलपुर
– सीवरेज की सफाई अगले एक माह में पूर्ण हो रही जाएगी। इसके अलावा शहर में नालों बनाए के लिए भी स्थान चिह्नित किए जा रहे हैं। कुछ अतिक्रमण भी हटवाए हैं, जिससे पानी का बहाव सही हो सके। लोग सीवरेज में गंदगी नहीं डाले। लाइन के साफ रहने पर ही पानी की सही निकासी हो पाएगी।- अशोक कुमार शर्मा, आयुक्त नगर परिषद धौलपुर