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धौलपुर

स्वच्छ भारत मिशन: कागजों में खर्च हो रहा सफाई का बजट, गांवों में फैली कीचड़

सरकार गांवों में विकास कार्यों के साथ ही सफाई पर प्रतिवर्ष लाखों रुपए का बजट ग्राम पंचायतों में खर्च कर रही है। लेकिन सफाई के नाम पर सारा बजट कागजों में खर्च हो रहा है। हाल ही में विभाग ने शहरों की तर्ज पर गांवों की सफाई व्यवस्था की जिम्मेदारी भी ठेके पर दी है।

धौलपुरFeb 06, 2025 / 06:32 pm

Naresh

स्वच्छ भारत मिशन: कागजों में खर्च हो रहा सफाई का बजट, गांवों में फैली कीचड़ Swachh Bharat Mission: Cleanliness budget is being spent on paper, mud spread in villages
-गांवों में सफाई व्यवस्था बदहाल, स्वच्छ व सुंदर बनाने की योजना विफल

dholpur, सरमथुरा. सरकार गांवों में विकास कार्यों के साथ ही सफाई पर प्रतिवर्ष लाखों रुपए का बजट ग्राम पंचायतों में खर्च कर रही है। लेकिन सफाई के नाम पर सारा बजट कागजों में खर्च हो रहा है। हाल ही में विभाग ने शहरों की तर्ज पर गांवों की सफाई व्यवस्था की जिम्मेदारी भी ठेके पर दी है। लेकिन अब भी गांवों में सफाई व्यवस्था बदहाल है। सडकों पर गंदा पानी भरा रहता है तो आम रास्तों पर भी घरों के सामने कई फीट कीचड़ के बीच गुजरना ग्रामीणों की मजबूरी बना हुआ है।
कुछ ऐसी ही स्थिति से जूझ रही ग्राम पंचायतों में ग्रामीणों की धडकने बढ़ने लगी हैं। संवेदकों ने गांवों में सफाईकर्मियों की तैनाती करने में भी कंजूसी की हुई हैं. स्थिति यह है कि ग्राम पंचायत में एक या दो सफाईकर्मियों की नियुक्ति की हुई हैं जिसके कारण प्रत्येक गांव में सफाई होना भी संभव नही है। जबकि एक-एक ग्राम पंचायत में चार से पांच राजस्व गांव हैं। ग्राम पंचायत गौलारी की बात करे तो संवेदक ने सिर्फ एक सफाईकर्मी को नियुक्त किया है जबकि ग्राम पंचायत में करीब दर्जनभर गांव हैं। इस स्थिति में गांवों में कीचड़ फैली हुई हैं। ग्रामीणों ने बताया कि गांवों में घरों से निकलने वाले गंदे पानी की निकासी के लिए नालियां तो बनी हैं लेकिन सफाई नहीं होने से सारा पानी घरों के सामने रास्तों पर भरा रहता है। जिससे कीचड़ के बीच निकलना लोगों की मजबूरी है। दुर्गध के साथ जल भराव से मच्छरों की भी भरमार रहती है। स्कूल एवं सार्वजनिक भवनों के इर्द गिर्द पानी भरा रहता है, जिससे ग्रामीणों को परेशानी हो रही है। पूर्व सरपंच केदारसिंह मीणा ने बताया कि जखा दीवानपुरा में नालियों के पानी की निकासी नहीं होने से गांव का मुख्य रास्ता बदहाली के दौर से गुजर रहा हैं। ग्रामीणों को सड़कों पर गंदगी से होकर गुजरना पड़ रहा है। इसीप्रकार बीझौली में सड़कों पर फैली गंदगी से ग्रामीणों की तकलीफ बढने लगी हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि कई बार पंचायत प्रशासन को अवगत कराने के बाद भी गांव में सफाई व्यवस्था बदहाल है। ग्रामीण नारकीय जीवन जीने को मजबूर है।
-गांवों में आग लगाकर कचरे का हो रहा डिस्पोजल

ग्राम पंचायतों में सरकार का स्वच्छ भारत मिशन अभियान सिर्फ कागजों तक सीमित हैं। गांवों में कचरे का डिस्पोजल करने की कोई योजना नही हैं. सफाईकर्मी आग लगाकर कचरे का डिस्पोजल कर रहे हैं। यही नही बीलौनी ग्राम पंचायत में तो महज आठ दिन पूर्व ही सफाई शुरू कराई गई हैं. फिर भी संवेदक द्वारा सिर्फ खानापूर्ति की जा रही हैं।
-सरपंच बोले: खुर्दिया पंचायत में योजना भी नही हुई शुरू

ग्राम पंचायत खुर्दिया सरपंच परमाल मीणा ने बताया कि खुर्दिया पंचायत में सरकार का स्वच्छता अभियान विफल हैं. संवेदक द्वारा पंचायत में टेंडर प्रक्रिया तो पूरी कर ली है लेकिन अभी तक ना तो सफाईकर्मी ही लगाए हैं ना ही सफाई व्यवस्था शुरू की हैं। जिसके कारण योजना का ग्रामीणों को कोई फायदा नही मिल रहा हैं।
-बटीकरा में ग्राविअ ने भुगतान रोकने का दिया अल्टीमेटम

सरमथुरा पंचायत समिति अन्तर्गत ग्राम पंचायत बटीकरा में सफाई व्यवस्था में लीपापोती देख ग्राम विकास अधिकारी ने संवेदक को सफाई व्यवस्था में सुधार करने की नसीहत दी हैं. वही सुधार नही होने पर भुगतान रोकने का अल्टीमेटम दिया हैं।
ग्राम पंचायतों में सफाई व्यवस्था सुधारने के लिए संवेदक को पाबंद किया गया है. पंचायती राज की गाइडलाइन अनुसार एक संवेदक को दो ग्राम पंचायतों से अधिक में ठेका नही दिया जाएगा. ग्राम पंचायतों में सफाई व्यवस्था दुरुस्त नही होने पर फर्म को ब्लैक लिस्ट करने के लिए ग्राविअ निर्देशित किया गया हैं।
-गिर्राज सिंह विकास अधिकारी पंचायत समिति सरमथुरा

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