भूख-प्यास से 19 गायों ने तोड़ा दम, NGO के अध्यक्ष पर FIR दर्ज, हिंदू संगठन बोले- 40 लाश ठिकाने लगाई..
CG News: गरिएबंद जिले के कोपरा में भूख-प्यास से दम तोड़ने वाली गायों की नदी किनारे सड़ती लाश पर पत्रिका ने रविवार को अपनी रिपोर्ट में बड़ा खुलासा किया।
CG News: छत्तीसगढ़ के गरिएबंद जिले के कोपरा में भूख-प्यास से दम तोड़ने वाली गायों की नदी किनारे सड़ती लाश पर पत्रिका ने रविवार को अपनी रिपोर्ट में बड़ा खुलासा किया। मामले में गरियाबंद जिला प्रशासन ने संज्ञान लेते हुए गोशाला चलाने वाले एनजीओ के अध्यक्ष और संयोजक के खिलाफ पांडुका थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। एफआईआर में 19 गायों की मौत का जिक्र है। इधर, गांववालों के साथ हिंदू संगठनों का दावा है कि महीनेभर में कम से कम 40 मवेशियों की लाश ठिकाने लगाई गई है।
कोपरा की गोशाला में चारा-पानी न मिलने से मवेशियों की मौत पर शनिवार दोपहर पड़ताल के बाद पत्रिका ने शाम को विधायक रोहित साहू से इस मुद्दे पर फोन पर बात की थी। कुछ देर बाद ही एसडीएम के साथ नगर पंचायत और पुलिस स्टाफ गोशाला पहुंच गया था। रात 10 बजे तक मुआयने के बाद टीम ने मवेशियों के लिए चारा-पानी का इंतजाम किया।
रविवार सुबह 8 बजे से पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारी और डॉक्टर पहुंचे। मवेशियों की सेहत जांची। इलाज किया। अफसरों का दावा है कि गोशाला के रजिस्टर और वहां काम करने वाले चपरासी से 19 गायों की मौत पुष्टि हुई है। इसी आधार पर पांडुका थाने में गोशाला संभाल रही संस्था के अध्यक्ष मनोज साहू और संयोजक हलधरनाथ गोस्वामी पर पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई गई।
वहीं, बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के साथ सबसे पहले गोशाला का संचालन करने वाली ग्राम एवं कृषि विकास समिति ने प्रशासन की ओर उपलब्ध कराए गए मौत के आंकड़े को काफी कम बताया। उनकी मानें तो मोहल्ले और आसपास के लोगों ने गोशाला में महीनेभर में 40 से ज्यादा गायों की मौत होने की बात कही है। इसे देखते हुए बजरंग दल और विहिप ने अपने स्तर पर निरीक्षण किया। इसमें भी 40 से ज्यादा गायों की मौत की बात सामने आई है। इनके मुताबिक गड़बड़ी जितनी दिख रही है, उससे कहीं बड़ी है।
मरती गायों की चीखों को कैसे मैं सुशासन कह दूं
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर पत्रिका के खबर की कतरन साझा करते हुए लिखा… घोर पाप! घोर अधर्म! भूख से दम तोड़ती गौ माता की यह खबरें भयावह है। विज्ञापनों में सुशासन लटका हुआ दिखाया जा रहा है, लेकिन हकीकत कुछ और है। एक तरफ गौठान बंद कर दिए गए हैं। तस्करी की खबरें भी चरम पर हैं। इस निक्कमी व्यवस्था को कैसे मैं शासन कह दूं? मरती गायों की चीख को कैसे मैं सुशासन कह दूं?
4 को ड्रिप चढ़ानी पड़ी, 2 तो 4 घंटे बाद भी नहीं उठ पाईं
रविवार सुबह पशु चिकित्सा विभाग से आए डॉक्टरों ने गोशाला में सबसे पहले सभी 150 मवेशियों की सेहत जांची। इस दौरान 4 गाय अत्यधिक कमजोर पाई गईं। इन्हें ड्रिप चढ़ाकर राहत पहुंचाने की कोशिश की गई। हालांकि, इनमें से 2 गायों की हालत इतनी ज्यादा खराब हो चुकी है कि ड्रिप उतरने के 4 घंटे बाद भी अपनी जगह से नहीं उठ पाईं।
इनके अलावा 8-10 मवेशियों को सामान्य रूप से कमजोर बताया जा रहा है। प्रशासन ने फिलहाल नगर पंचायत को गोशाला के अस्थाई संचालन की जिम्मेदारी सौंपी है। जब तक इनके लिए स्थाई इंतजाम नहीं हो जाते, चारा-पानी का इंतजाम पंचायत को ही करना है। इधर, गांव के लोग भी जिम्मेदार अफसरों पर भी सत कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
सीएमओ ने रिपोर्ट दर्ज कराई और उन्हें भी मिल गया नोटिस
राजिम विधायक रोहित साहू ने कहा की कलेक्टर को निर्देशित किया है कि इस संवेदनशील मामले में बारीक जांच करते हुए कड़ी कार्रवाई करें। गउ माता की मौत के लिए गोशाला चलाने वाली संस्था से लेकर सरकारी विभाग तक चाहे जो भी जिम्मेदार हों, उन सबसे सती से निपटने कहा है।
गरियाबंद के कलेक्टर दीपक कुमार अग्रवाल ने कहा की गोशाला के संचालक और संयोजक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने के निर्देश दिए हैं। कामकाज में लापरवाही को लेकर कोपरा नगर पंचायत सीएमओ और स्थानीय पशु चिकित्सा अधिकारी को भी नोटिस जारी किया है।
संस्था नहीं, पंचायत की जिम्मेदारी तय हो
कार्रवाई के बाद गोशाला को दोबारा संचालित करना मुद्दा बन गया है। चर्चा है कि मवेशियों को कहीं और शिट किया जा सकता है। दूसरी संस्था को जिम्मेदारी सौंपने की बातें भी आ रहीं हैं। बजरंग दल के जिला संयोजक मोहित साहू, विहिप विभाग मंत्री डिगेश्वर वर्मा, पार्षद कौशल साहू और थानेश्वर साहू का कहना है कि 40 गायों की मौत की निष्पक्ष जांच के साथ गोशाला संचालन अब परमानेंट तौर पर पंचायत को सौंपा जाना चाहिए।
मवेशियों की मौत की प्रशासनिक जांच पूरी होने के बाद कोपरा नगर पंचायत के प्रभारी सीएमओ श्याम लाल वर्मा एफआईआर दर्ज कराने पांडुका थाने पहुंचे। पुलिस ने पशु क्रूरता निवारण अधिनियम-1960 समेत बीएनएस की विभिन्न धाराओं के तहत रिपोर्ट लिखी। अन्य प्रतिबंधात्मक धाराएं और जुड़ सकती हैं। दोनों को गिरफ्तार भी कर लिया गया है।
इधर, कलेक्टर दीपक कुमार अग्रवाल ने इस घटना के लिए कोपरा नगर पंचायत सीएमओ के साथ स्थानीय पशु चिकित्सा अधिकारी को नोटिस जारी किया है। उनसे कामकाज में लापरवाही को लेकर जवाब-तलब किया गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि गोशाला और यहां पल रहे गोवंशों की देखरेख की बराबर की जिम्मेदारी इनकी भी थी।
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