Mahakumbh Stampede: महाकुंभ में संगम नोज क्षेत्र पर मची भगदड़ में 15 से 17 लोगों की मौत की खबर सामने आ रही है। इसी हादसे में गोंडा के रुपईडीह गांव के एक श्रद्धालु ने भी अपनी जान गंवा दी। उनके भतीजे ने आंखों में आंसू लिए बताया कि कैसे यह दर्दनाक घटना घटी और उस वक्त हालात कितने भयावह थे। उन्होंने कांपती आवाज में अपनी आपबीती सुनाई।
गोंडा के श्रद्धालु ने पत्रिका से बातचीत की और कांपती हुई आवाज में बताया, “परसों 4:30 बजे मैं यहां आया और गंगा जी में स्नान किया। रात में फिर स्नान करने गया तो घाट पर बहुत भीड़ थी, इतनी कि देखकर मेरा दिल बैठ गया। हमारे साथ जो लोग थे, अचानक भगदड़ मचने से गिर गए। हम सब किसी तरह उठ गए, लेकिन मेरे चाचा, जिनका कद छोटा था, भीड़ के नीचे दब गए। लोगों के पैरों तले कुचले जाने से उनकी जान चली गई।
उनका नाम ननकन था, उम्र सिर्फ 45 साल। मैं उन्हें अस्पताल लेकर गया, लेकिन डॉक्टर ने कहा, “अब ये नहीं रहे।” मैंने डॉक्टर से कहा कि हमें उन्हें घर ले जाना है, तो उन्होंने सहमति दी। हमारे साथ नहाने मेरे दो चाचा, दो भाई, मेरी पत्नी, चाचा की पत्नी, भाई की पत्नी, भाई की सास और हमारे जीजा आए थे। सभी अभी सुरक्षित हैं, लेकिन हमारे भाई की सास अब तक लापता हैं।
घटना के समय कैसे थे हालात?
गोंडा के श्रद्धालु ने बताया, “मैं संगम जा रहा था, लेकिन भीड़ देखकर वापस लौटने लगा। तभी रोड पर जाम लग गया। वहां कोई पुलिस या प्रशासन नजर नहीं आया। इसी दौरान भगदड़ मची और लोग एक-दूसरे के ऊपर गिरने लगे। मेरी आंखों के सामने 60-70 लोग गिर गए। मुझे लगता है कि इस हादसे में कम से कम 15-20 लोगों ने अपनी जान गंवाई।”
पीएम मोदी और गृह मंत्री ने ली हादसे से जानकारी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकुंभ में मची भगदड़ को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात कर स्थिति की जानकारी ली। पीएम मोदी ने घायलों के लिए की गई व्यवस्थाओं की समीक्षा की और प्रशासन को श्रद्धालुओं को तत्काल सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। इस घटना के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बातचीत की और उन्हें केंद्र सरकार की ओर से हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया।
भगदड़ के बाद प्रशासन ने अखाड़ों से अपील की कि स्नान के लिए न जाएं। इसके बाद अखाड़े के संत लौट आए। यहां बैठक में तय हुआ कि अखाड़ों के साधु-संत मौनी अमावस्या पर स्नान नहीं करेंगे। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी ने कहा, “हम प्रशासन का पूरा सहयोग करेंगे। लोगों की सुरक्षा सर्वोपरि है। मैं ने अपने अखाड़े का जुलूस अंदर ही रोका है। सभी 13 अखाड़े, अब 3 फरवरी को बसंत पंचमी के दिन स्नान करने जाएंगे।”
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