जानिए पूरा मामला
बता दें कि यह मामला बीते वर्ष 2024 के फरवरी महीने का है, दो फरवरी को खोराबार के जंगल बेलवार गांव के रहने वाले जामवंत अपने एक परिचित के घर गया था। रात में गलतफहमी में कुछ गांव वालों ने उसे संदिग्ध समझ पकड़ लिया और पुलिस को बताया। मौके पर पहुंचे सिपाही विक्रांत सिंह पहुंचे और उसे रामनगर कड़जहां चौकी लाए। सुबह जामवंत के घर वाले पहुंचे और बातचीत किए तो ग्रामीणों से मामला सुलझ गया। गांव वाले भी शिकायत वापस लेने को तैयार हो गए।
सिपाहियों ने छोड़ने के एवज में मांगे दस हजार
आरोप है कि इसके बावजूद पुलिस ने जामवंत को छोड़ने के बदले दस हजार लिया। इतना ही नहीं, जामवंत की बाइक और मोबाइल फोन वापस नहीं किए गए। बाद में जब जामवंत के भाई भीम ने चौकी इंचार्ज ने संपर्क कर मोबाइल और बाइक लौटाने की मांग की, तो फिर से दस हजार रुपये मांगे गए। इस संबंध में सारी बातें भीम ने रिकॉर्ड कर वायरल कर दिया। मामला सामने आने के बाद एसएसपी डॉक्टर गौरव ग्रोवर ने जांच एएसपी को सौंपी। जांच के दौरान सभी आरोप सही पाए गए। इसके बाद चौकी इंचार्ज और तीन सिपाहियों को निलंबित करते हुए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।