संजय निषाद ने क्या कहा ?
कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने कहा, “मैं तो बधाई दूंगा। कम से कम सलाहकार बदल लिया। नहीं तो शकुनी मामा थे तो रोज उल्टा ही होता था। आज कम से कम लगता है कि कृष्ण जैसा सलाहकार मिल गया है।”संजय निषाद ने आगे कहा कि प्रयागराज की धरती मतलब निषादराज की धरती। एक ईंट भी 70 साल में नहीं दिया था विपक्ष ने निषादराज के किले पर। सौभाग्यशाली हैं हमलोग की जंगल को काटकर मंगल बनाया। 56 फुट की भगवान राम और निषादराज की मूर्ति लगाई।
महाकुंभ में दुनिया के लोगों का अभिवादन करने का अवसर है
मंत्री संजय निषाद ने कहा कि प्रयागराज स्वर्ग की भूमि है, वो संगम है गंगा-यमुना का। संगम मतलब एक होता है। राजनीति का मतलब है कि एक करो। एक करो-नेक करो-सेफ करो। उससे बढ़िया कौन स्थल हो सकता है जहां दुनिया के लोग सीखने आ रहे हो। राजनीति से परे उठकर हमे वहां जाकर दुनिया के लोगों का अभिवादन करने का अवसर है। भाड़े के पहलवानों से नहीं अखाड़े के पहलवानों से करें राय-मशवरा
निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने कहा कि अखिलेश यादव गए प्रयागराज तो मैं अपनी सरकार और पार्टी की तरफ से उन्हें शुभकामनाएं देता हूं। मैंने अपील भी की थी कि प्रयागराज की धरती निषादराज की धरती है। राजनीति से परे उठकर निषादराज के वंशजों का क्षेत्र है वो वहां आएं। 18% की आबादी वाले निषादराज के लोगों को नाराज न करें। सम्मान के दृष्टिकोण से देखें। जो भी कुछ बोले बोलने से पहले सोच विचारकर बोलें। भाड़े के पहलवानों से नहीं, अखाड़े के पहलवानों से राय-मशवरा लेकर आगे रहें। जिस उद्देश्य के लिए राजनीति में आये हैं उसे पूरा करें।