सहकारिता मंत्री ने बताया कि हनुमानगढ़ जिले में उक्त योजनांतर्गत 15 ग्राम सेवा सहकारी समितियों में 500 एमटी के गोदामों के निर्माण के लिए प्रति गोदाम 25 लाख रुपए एवं 03 ग्राम सेवा सहकारी समितियों में 100 एमटी के गोदाम निर्माण के लिए प्रति गोदाम 12 लाख रुपए सहित कुल 411 लाख रुपए स्वीकृत किए गए हैं। सहकारिता राज्य मंत्री ने बताया कि समितियों के पास वैध स्वामित्व वाली भूमि उपलब्ध होने एवं संबंधित केन्द्रीय सहकारी बैंक की अनुशंषा सहित प्रस्ताव प्राप्त होने पर तत्समय उपलब्ध बजट के आधार पर गोदाम निर्माण की स्वीकृति जारी कर आवंटन किया जाता है। केन्द्रीय सहकारी बैंक हनुमानगढ़ की ओर से जिले की 18 ग्राम सेवा सहकारी समितियों से गोदाम निर्माण के प्रस्ताव भिजवाए गए थे। जिनकी स्वीकृति जारी की जा चुकी है। कस्टम हायरिंग केन्द्र का एक प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। इसको स्वीकृत किया जा चुका है। समितियों के पास वैध स्वामित्व वाली भूमि उपलब्ध होने एवं संबंधित केन्द्रीय सहकारी बैंक की अनुशंषा सहित प्रस्ताव प्राप्त होने पर तत्समय उपलब्ध बजट के आधार पर गोदाम निर्माण की स्वीकृति पर विचार किया जाता है।
राजस्थान पत्रिका ने 14 फरवरी 2025 के अंक में ‘गोदाम बनने से पहले माल कूटने का रास्ता ढूंढऩे लगे अफसर’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर इस मामले की तरफ सबका ध्यान दिलाया था। खबर के माध्यम से कृषि प्रधान जिले में अन्न भंडारण को गोदाम बनने से पहले ही अधिकारियों ने खुद का पेट भरने की किस तरह से तैयारी कर ली। इसका उल्लेख किया गया था। प्रकरण के अनुसार एसीबी की कार्रवाई के दौरान केंद्रीय सहकारी बैंक हनुमानगढ़ के मुख्य प्रबंधक संजय शर्मा से ़दस जनवरी 2025 की रात को कोहला टोल नाके के पास से 8.50 रुपए की राशि जब्त की गई थी। इसके बाद एसीबी ने मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है। अब जांच पूर्ण होने पर ही आगे की स्थिति साफ होगी।