बैंक खाता देना पड़ेगा भारी
जिला साइबर सैल प्रभारी वाहेगुरु सिंह ने बताया कि बैंक खाता अहस्तांतरणीय होता है। अपना बैंक खाता किसी दूसरे व्यक्ति या फर्म को किराए पर या अन्य तरीके से उपयोग के लिए देना गैर कानूनी है। किसी दूसरे व्यक्ति की ओर से खाते का उपयोग जुआ, तस्करी, साइबर ठगी, हवाला, आतंकवाद के लिए फंडिंग आदि में प्रयुक्त किया जा सकता है। साइबर धोखाधड़ी होने पर राष्ट्रीय अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर अपनी शिकायत स्वयं ऑनलाइन या किसी ई-मित्र के माध्यम से दर्ज करवा सकते हैं। अथवा टोल फ्री हेल्पलाइन नम्बर 1930 या हनुमानगढ़ पुलिस की ओर से जारी हेल्पलाइन नम्बर 87648-76025 पर कॉल कर अपनी शिकायत तुरंत दर्ज करवाएं। बैंक मैनेजर तक पकड़े जा चुके
- साइबर थाना पुलिस ने 19 जनवरी 2025 को साइबर ठगी की भारतीय मुद्रा को अवैध रूप से डॉलर में बदलने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया था। पुलिस ने चलती गाड़ी में धंधा करने वाले तीन युवकों को गिरफ्तार किया था जो विदेश में बैठे साइबर ठगों के निर्देश पर लोगों को झांसे में लेकर उनके बैंक खाते, पास बुक, एटीएम, चेक बुक, सिम कार्ड प्राप्त करते। बाद में उन बैंक खातों में विदेशों में बैठे गिरोह के सदस्य साइबर ठगी की राशि जमा करवा देते थे।
- 29 जनवरी 2025 को साइबर थाना पुलिस ने पांच जनों को गिरफ्तार कर 60 खातों में 26 करोड़ रुपए के साइबर फ्रॉड का मामला पकड़ा था। इस प्रकरण में इंडियन ओवरसीज बैंक शाखा जंक्शन के मैनेजर को भी गिरफ्तार किया गया था। गिरोह के सदस्य बैंक कर्मियों की मिलीभगत से नशेड़ी प्रवृत्ति के तथा अन्य लोगों को पैसों का लालच देकर उनके कागजात से विभिन्न बैंकों में बैंक खाते खुलवा उनमें साइबर ठगी की राशि मंगवाते थे।
- जंक्शन पुलिस ने 9 दिसम्बर 2024 को साइबर ठग गिरोह के दो सदस्यों को पकड़ा था। वे लोगों को लालच देकर या फर्जी तरीके से खाते खुलवा साइबर ठगों को उपलब्ध कराते थे। उनके कब्जे से पुलिस ने 27 मोबाइल फोन, 95 एटीएम कार्ड, 29 बैंक पासबुक, 24 सिम कार्ड आदि बरामद किए गए थे।
- जंक्शन पुलिस ने तीन जुलाई 2025 को दो जनों को गिरफ्तार कर किराए के एवं छद्म खातों का प्रयोग कर बड़े पैमाने पर साइबर गिरोह की ठगी की रकम अन्य खातों में ट्रांसफर करने के मामले का पर्दाफाश किया।