कितनी बार चबाएं : क्या है जादुई आंकड़ा? (How Many Times Should You Chew)
खाने को कितनी बार चबाना चाहिए, इसका कोई पक्का नियम नहीं है पर हर कौर को लगभग 30-32 बार चबाने की सलाह दी जाती है। हालांकि कोई तय संख्या नहीं है पर कुछ शोध बताते हैं कि आपको अपनी चबाने की क्षमता को कितना बढ़ाना चाहिए। 2014 के एक अध्ययन में पाया गया कि अगर लोग अपनी सामान्य चबाने की संख्या का 150% या 200% ज्यादा चबाते हैं तो वे कम खाना खाते हैं। सबसे खास बात ये कि कम खाने के बावजूद उन्हें पेट भरा हुआ महसूस होता है। इसका मतलब ये हुआ कि ज्यादा चबाना सिर्फ पाचन के लिए नहीं, बल्कि वजन कंट्रोल करने और धीरे खाने में भी मदद करता है।
कम चबाने से होने वाले नुकसान (Disadvantages of Chewing Less)
पाचन खराब होना: चबाना पाचन का पहला कदम है। अगर खाना ठीक से नहीं चबाया जाता, तो पेट में गैस, सूजन और अपच हो सकती है। ज्यादा खाना और वजन बढ़ना: अगर आप तेजी से खाते हैं और कम चबाते हैं तो आपका वजन बढ़ सकता है। धीरे खाने से दिमाग को पेट भरने का संकेत मिलने में करीब 20 मिनट लगते हैं जिससे आप जरूरत से ज्यादा खाने से बचते हैं।
ब्लड शुगर पर असर: जल्दी-जल्दी खाने से टाइप 2 मधुमेह का खतरा बढ़ सकता है। अच्छी बात ये है कि आप अपनी खाने की गति पर काम कर सकते हैं।
बेहतर चबाने के आसान तरीके
छोटे-छोटे निवाले लें: इससे आप स्वाभाविक रूप से बेहतर चबाते हैं। स्क्रीन से दूर खाएं: ध्यान से खाने की आदत डालें, इससे खाना अच्छे से पचता है। बनावट पर ध्यान दें: खाने को तब तक चबाएं जब तक वो मुलायम या पेस्ट जैसा न हो जाए।
खाने के साथ ज्यादा पानी न पिएं: इससे पाचक एंजाइम पतले हो सकते हैं। आयुर्वेद में भी पाचन को अग्नि कहते हैं और चबाना इस अग्नि को जलाने का पहला कदम है। तो अगली बार जब खाने बैठें तो याद रखें धीरे-धीरे, ध्यान से और अच्छी तरह चबाएं। ये सिर्फ एक आदत नहीं, बल्कि स्वस्थ जीवन की ओर एक बड़ा कदम है।