भयानक चेतावनी जारी : दुगनी गति से बढ़ेंगे Cancer के मामले
The Lancet Report Cancer Cases Expected in Coming Years : कैंसर के बढ़ते मामलों पर ‘द लैंसेट’ की हालिया रिपोर्ट ने गंभीर चिंता जताई है। कोटा मेडिकल कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर एवं फिजिशियन डॉ. पंकज जैन के अनुसार, इस वृद्धि के पीछे बड़ी वजह है।
Cancer cases may increase in the coming days in india
Cancer Cases Increase in the Coming Days : ‘द लैंसेट’ की हालिया रिपोर्ट ने एक भयानक चेतावनी दी है, आने वाले वर्षों में कैंसर के मामलों में भारी वृद्धि होने की संभावना है। यह चौंकाने वाली भविष्यवाणी डॉक्टरों को भी चिंतित कर रही है, जो इस खतरनाक प्रवृत्ति को अपनी आंखों से देख रहे हैं। डा. पंकज जैन प्रोफेसर ( मेडिसिन विभाग), मेडिकल कॉलेज, कोटा के अनुसार, इस वृद्धि के पीछे मुख्य कारण हमारी आधुनिक जीवनशैली है।
डॉ. पंकज जैन ने बताया हमारी व्यस्त जीवनशैली ने हमारे स्वास्थ्य को हाशिए पर धकेल दिया है। हम अपने शरीर की जरूरतों को नजरअंदाज करते हैं, और तनाव हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग बन गया है। यह तनाव, मोटापे के साथ मिलकर, कैंसर के विकास के लिए एक आदर्श वातावरण बनाता है। कैंसर के मामले दोगुने हो सकते हैं, खासकर मेट्रो शहरों में, जहाँ जीवन की गति सबसे तेज है।
Rising Cancer Cases in india डॉ. पंकज जैन के अनुसार कैंसर से बचाव की मुख्य कड़ी आम जन में इसके प्रति जागरुकता एवं समय पर स्क्रीनिंग की महत्ता को स्थापित करना है। कैंसर शिक्षा का प्रमुख उद्देश्य ही लोगो को कैंसर के जल्द निदान व उपचार के प्रति प्रेरित करना है। इसके लिए लोगो को कैंसर के शुरुआती चेतावनी लक्षणों के लिए शिक्षित करना होगा जैसे कि
– स्तन में गांठ या ठोस एरिया विकसित होना – मस्से या तिल में हाल ही में कुछ बदलाव – आंत्र की आदतों में अप्रत्याशित परिवर्तन – लगातार कफ या आवाज में कर्कशता आना
– मासिक धर्म में अत्यधिक रक्तस्त्राव या मासिक धर्म के अतिरिक्त रक्तस्त्राव – शरीर में किसी भी अंग से स्क्तस्त्राव – बिना किसी कारण के वजन का घटना – लंबे समय से घाव या फोडे का ठीक नहीं हो
डॉ. पंकज जैन के अनुसार यदि कोई चेतावनी लक्षण नहीं है तो ऐसे में कैंसर स्क्रीनिंग एक ऐसा औज़ार है, जो कैंसर के जल्द निदान में सहायक होता है। सरवाइकल कैंसर, स्तन कैंसर व लंग कैंसर आसानी से समय पर स्क्रीनिंग से शुरुआती स्टेज पर ही पता लगाए जा सकते है। मौजूदा दिशा निर्देशों के अनुसार महिलाओं में सरवाइकल कैंसर की स्क्रीनिंग पेप स्मीयर टेस्ट द्वारा 30 वर्ष की उम्र से शुरू कर देनी चाहिए एवं इसके बाद हर 3 वर्ष में होती रहनी चाहिए । स्तन कैंसर के लिए स्तन का स्व परीक्षण ही सर्वोत्तम स्क्रीनिंग टूल है, क्योंकि चिकित्सक के बजाय स्वंय से ही इसका शुरुआती दौर में पता लग पाता है। इसी तरह की स्क्रीनिग अन्य विभिन्न प्रकार के कैंसर हेतु भी उपलब्ध है।
Cancer cases increasing in India : मुंह और स्तन कैंसर का प्रकोप
भारत में, मुंह और स्तन कैंसर सबसे आम हैं। तंबाकू का सेवन, धूम्रपान और खराब मौखिक स्वच्छता मुंह के कैंसर (Cancer) के प्रमुख कारण हैं। महिलाओं में, स्तन कैंसर एक बढ़ता हुआ खतरा है। इसके अतिरिक्त, सर्वाइकल और फेफड़ों के कैंसर के मामले भी बढ़ रहे हैं, और विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में फेफड़ों के कैंसर के मामले बढ़ सकते हैं।
महिलाओं के लिए विशेष खतरा: धूम्रपान और मोटापा
‘द लैंसेट’ की रिपोर्ट में महिलाओं में कैंसर (Cancer) के बढ़ते मामलों पर भी प्रकाश डाला गया है। इसका मुख्य कारण महिलाओं में धूम्रपान और मोटापे की बढ़ती प्रवृत्ति है। महिलाओं को तुरंत धूम्रपान छोड़ना चाहिए और अपने वजन को नियंत्रित रखना चाहिए।
डॉ. पंकज जैन का सुझाव है कि 40 वर्ष की आयु के बाद महिलाओं को मैमोग्राफी और 35 वर्ष के बाद पैप स्मीयर टेस्ट कराना चाहिए। इसके अलावा, जो लोग 20 वर्षों से अधिक समय से धूम्रपान कर रहे हैं, उन्हें लो डोज एचआरसीटी कराना चाहिए। नियमित स्वास्थ्य जांच से कैंसर का प्रारंभिक चरण में पता लगाया जा सकता है, जिससे उपचार अधिक प्रभावी होता है।
रोकथाम: सबसे अच्छा बचाव
डॉक्टरों ने कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं: 40 वर्ष की आयु के बाद महिलाओं को मैमोग्राफी करवानी चाहिए। 35 वर्ष की आयु के बाद पैप स्मीयर टेस्ट करवाना चाहिए।
20 वर्षों से अधिक समय से धूम्रपान करने वालों को लो-डोज एचआरसीटी करवाना चाहिए। सबसे महत्वपूर्ण बात, हमें अपनी जीवनशैली में सुधार करना चाहिए, धूम्रपान से बचना चाहिए और अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहना चाहिए।
व्यक्तिगत जागरूकता: एक महत्वपूर्ण कदम
कैंसर के खिलाफ लड़ाई में व्यक्तिगत जागरूकता महत्वपूर्ण है। शराब और धूम्रपान, साथ ही मोटापा, कैंसर के प्रमुख कारण हैं। ये ऐसे कारक हैं जिन्हें हम नियंत्रित कर सकते हैं। एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर, हम निश्चित रूप से कैंसर के खतरे को कम कर सकते हैं।