देर रात सोने से होनी वाली समस्याएं : Disadvantages of sleeping late at Night
- रात को देर से सोने से उच्च रक्तचाप और हृदय संबंधी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है।
- इम्यून सिस्टम की कार्यक्षमता भी प्रभावित होती है, जिससे विभिन्न प्रकार के संक्रमण होने की संभावना बढ़ जाती है।
- देर रात तक जागने से हार्मोनल असंतुलन भी उत्पन्न होता है, जो मधुमेह और पाचन संबंधी समस्याओं का कारण बन सकता है।
- मानसिक स्वास्थ्य पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिससे आपकी याददाश्त कमजोर हो सकती है।
- रात में देर से सोने से डिप्रेशन और एंग्जायटी की भी समस्या देखने को मिलती है।
- आंखों के नीचे डार्क सर्कल और झुर्रियां भी देखने को मिलती हैं।
उम्र के हिसाब से कितनी नींद लें
नवजात शिशुओं के लिए 14 से 16 घंटे की नींद आवश्यक होती है। वहीं, स्कूल जाने वाले बच्चों को 9 से 13 घंटे की नींद लेनी चाहिए। किशोरावस्था में प्रवेश करते समय, 9 से 10 घंटे की नींद लेना महत्वपूर्ण है। युवाओं के लिए दिन में 7 से 9 घंटे की नींद की सिफारिश की जाती है। इसी तरह, बुजुर्गों को भी 7 से 9 घंटे की नींद लेनी चाहिए।
सही समय पर सोने के फायदे
रात के 10 बजे तक सो जाना हर व्यक्ति के लिए आवश्यक है, क्योंकि हमारी नींद की चक्र सूर्य के उगने और अस्त होने पर निर्भर करती है। जैसे ही सूर्य अस्त होता है, हमारे शरीर में मेलाटोनिन हार्मोन का स्राव शुरू होता है, जो हमें नींद लाने में सहायता करता है और सुबह होते ही इसका प्रभाव समाप्त हो जाता है। सबसे अधिक मेलाटोनिन हमारे शरीर में रात के चार बजे रिलीज होता है, जो कि हमारे लिए आदर्श नींद का समय होता है, क्योंकि इस समय गहरी नींद आती है। डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।