New Diabetes Type : ABCC8 नामक जीन में नई गड़बड़ी
इस रिसर्च में वैज्ञानिकों ने एक खास जीन ABCC8 में बदलाव (Mutation) पाया है, जो इंसुलिन बनाने वाली पैंक्रियाज की बीटा कोशिकाओं के लिए जरूरी होता है।इस जीन में बदलाव के कारण बच्चों में पहले लो शुगर (कम ब्लड शुगर) की समस्या (Congenital Hyperinsulinism) होती है और बाद में उम्र बढ़ने पर डायबिटीज़ हो जाती है।
एक ही जीन, लेकिन अलग-अलग असर
रिसर्च में ये भी पता चला कि एक ही जीन में अलग-अलग प्रकार के बदलाव, अलग-अलग तरह की बीमारियाँ पैदा कर सकते हैं।क्यों जरूरी है जेनेटिक टेस्टिंग?
डॉ. वी. मोहन का कहना है कि इस तरह की बीमारियों को सही से पहचानने के लिए जेनेटिक और लैब टेस्टिंग जरूरी है।सभी MODY मरीजों को एक जैसा इलाज नहीं दिया जा सकता। जैसे, इस नई किस्म के MODY में Sulphonylurea दवाएं असर नहीं करतीं, जबकि दूसरी किस्मों में ये असरदार होती हैं।
इलाज अभी नहीं, पर पहचान से मदद
फिलहाल इस तरह के डायबिटीज़ को रोका नहीं जा सकता क्योंकि ये जन्मजात जीन दोष के कारण होते हैं।लेकिन यदि परिवार में किसी को यह बीमारी रही हो, या बच्चों में लो शुगर के लक्षण दिखें, तो समय रहते पहचान कर इलाज शुरू किया जा सकता है।