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हुबली

श्रवण वाणी से गूंज उठी दादावाड़ी: गाजे-बाजे, जयघोष और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से भक्तिमय बना माहौल

श्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ हुब्बल्ली के तत्वावधान में साध्वी सूर्यप्रभाश्री एवं साध्वी पूर्णप्रभाश्री के चातुर्मास प्रवेश के अवसर पर शोभायात्रा का आयोजन हुआ। गाजे-बाजे, बैंड की मधुर धुनों, जयकारों और विविध मंडलों की सहभागिता से वातावरण पूरी तरह भक्तिमय हो गया। इस अवसर पर देश के विभिन्न राज्यों से श्रद्धालु पहुंचे। कार्यक्रम में आध्यात्मिक विचारों के साथ ही रंगारंग प्रस्तुतियों ने भी समां बांध दिया।

हुबलीJul 05, 2025 / 04:38 pm

ASHOK SINGH RAJPUROHIT

साध्वी सूर्यप्रभा और साध्वी पूर्णप्रभा के चातुर्मास अवसर पर निकाली शोभायात्रा

साध्वी सूर्यप्रभा और साध्वी पूर्णप्रभा के चातुर्मास अवसर पर निकाली शोभायात्रा

साध्वीवृंद का स्वागत
हुब्बल्ली के गब्बूर स्थित पाश्र्व पद्मालय तीर्थ से चातुर्मास प्रवेश की शोभायात्रा निकाली गई। यह शोभायात्रा प्रमुख मार्गों से होती हुई दादावाड़ी पहुंची, जहां यह धर्मसभा में परिवर्तित हो गई। शोभायात्रा में बैंड की मधुर धुनें, जयकारे लगाते श्रद्धालु, सुसज्जित रथ और अनुशासित मंडल शामिल थे, जिससे पूरा क्षेत्र आध्यात्मिक ऊर्जा से भर गया। साध्वी सूर्यप्रभा एवं साध्वी पूर्णप्रभा के चातुर्मास प्रवेश के दौरान कुछ ऐसा ही दृश्य देखने को मिला। गाजे-बाजे के साथ निकाली यात्रा में सभी का उत्साह देखते ही बन रहा था। कुशल नगर दादावाड़ी पहुंचने पर अखिल भारतीय खरतरगच्छ महिला परिषद की सदस्यों ने साध्वीवृंद का आत्मीय स्वागत किया। मुख्य लाभार्थी मूथा वागमल भूराजी परिवार के सदस्य मोकलसर निवासी उकचन्द बाफना, रमेश बाफना व गौतम बाफना सहित परिवार के अन्य सदस्यों ने साध्वीश्री का अभिनंदन किया।
आचार्य मणिप्रभ सागर सूरीश्वर की प्रेरणा से बनी दादावाड़ी
इस अवसर पर श्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ हुब्बल्ली के अध्यक्ष एवं चातुर्मास समिति के संयोजक रमेश बाफना मोकलसर ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि 15 वर्ष पूर्व आचार्य मणिप्रभ सागर सूरीश्वर के प्रवास से प्रेरित होकर जिनालय एवं दादावाड़ी का निर्माण हुआ था, जिसका उद्देश्य अब चातुर्मास के आयोजन से पूर्ण हो रहा है। आदिनाथ जिनालय एवं दादावाड़ी का निर्माण उनकी प्रेरणा एवं प्रयास से पूरा हुआ। उद्घाटन के 11 साल बाद पहली बार चातुर्मास का अवसर मिला है। संपूर्ण चातुर्मास के दौरान कई धार्मिक कार्यक्रम होंगे। बाफना ने चातुर्मास प्रवेश समारोह में आए कर्नाटक के विभिन्न शहरों के साथ ही तमिलनाडु, तेलंगाना, आन्ध्रप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात एवं राजस्थान से आए मेहमानों का स्वागत किया। इसके साथ ही हुब्बल्ली के विभिन्न संघों के प्रति भी आभार जताया। चातुर्मास के लिए पिछले एक महीने से अधिक समय से मेहनत कर रहे कोर कमेटी के सदस्यों के प्रति भी आभार व्यक्त किया।
रोजाना लक्की ड्रॉ
इस अवसर पर विशुद्धप्रभाश्री ने उपस्थित श्रद्धालुओं को जिनवाणी के श्रवण, आत्मशुद्धि, रात्रिभोजन व जमीकंद त्याग जैसे तपों की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि गुरु ही ज्ञान का प्रकाश फैलाते हैं और जिनवाणी ही आत्मा को परमात्मा में रूपांतरित करने वाली है। उन्होंने कहा कि संपूर्ण वर्षावास का हमें लाभ लेना है। यहां आकर आप अपने अवगुणों को बाहर निकालें। जिनवाणी को ग्रहण करें। आत्मा को परमात्मा बनाने वाली जिनवाणी ही है। हम पाप का त्याग करें। रात्रि भोजन का त्याग करें। जमीकंद का त्याग करें। चातुुर्मास के दौरान धर्म-आराधना करें। प्रतिक्रमण करें। देव, गुरु एवं धर्म यह तीन प्रकार के तत्व है। गुरु ही ज्ञानरूपी प्रकाश को फैलाते हैं। हमें जिनवाणी को सुनना होगा तभी ज्ञान-ध्यान, तप-त्याग की ज्वाला होगी। साध्वीवृंद ने चातुर्मास के कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए बताया कि प्रतिदिन सुबह 9.30 से 10.30 बजे तक प्रवचन होंगे। रोजाना तीन लक्की ड्रा निकाले जाएंगे और तीन सवाल पूछे जाएंगे। चौमासी चवदस से नियमित प्रवचन आरंभ होंगे और श्रावण वदी तीज से ज्ञान तप की शुरुआत होगी।
प्रवचनों का लाभ उठाएं
चातुर्मास में भोजन लाभार्थी परिवार के सदस्य उकचन्द बाफना मोकलसर ने अपने संक्षिप्त उद्बोधन में कहा कि हम चातुर्मास के इन चार महीनों में प्रतिदिन यहां आकर प्रवचनों का लाभ उठाएं। श्रवण वाणी को सुनकर अपने जीवन को साकार बनाएं। खरतरगच्छ महिला परिषद की अध्यक्ष मंजू जैन, इचलकरंजी से आए शैलेष ललवानी, होसपेट के अशोक पालरेचा, राजेन्द्र कुमार, अनीता भोजानी समेत अन्य श्रावक-श्राविकाओं ने भी विचार व्यक्त किए। इस मौके पर ध्वनि एवं ध्यानी बाफना ने बेहतरीन प्रस्तुति दी। डोली भोजानी ने भरतनाट्यम पेश किया। आर्या बागरेचा, हित छाजेड़, नीत छाजेड़, चेतन मांडोत, आर्यन छाजेड़, भव्य, ऋषभ, गर्वित संघवी समेत अन्य बालक-बालिकाओं ने भी सांस्कृतिक प्रस्तुति दी। करिश्मा कवाड़ ने गीतिका प्रस्तुत की। इस अवसर पर पुलिस वृत्ताधिकारी एस.आर.नायक का भी शॉल एवं माल्यार्पण से सम्मान किया गया। बाहर से आए अतिथियों का भी सम्मान किया गया।

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