बीआरटीएस(BRTS) पर नौलखा से एलआइजी के बीच बनने वाले एलिवेटेड कॉरिडोर को निरस्त करने की मुयमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घोषणा कर दी। उसके बाद चौराहों पर ओवर ब्रिज बनाए जाने की संभावनाओं को लेकर आइडीए ने फिजिबिलिटी सर्वे कराया, जिसकी हाल ही में कंसल्टेंट कपनी ने रिपोर्ट पेश कर दी है। उस में कई चौंकाने वाले पहलू भी सामने आए हैं, जिसमें शहर में सबसे ज्यादा आवश्यक पलासिया चौराहा, गिटार व इंडस्ट्री हाउस तिराहे को मिलाकर बनने वाला ओवर ब्रिज है।
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रिपोर्ट के अनुसार, ये ब्रिज(Over Bridge) टू लेन होगा लेकिन 1420 मीटर लंबा होगा, जिसकी लागत 147.41 करोड़ आंकी गई है। नजदीक चौराहे होने से एक ही लाई ओवर ब्रिज बनाने का सुझाव दिया गया है, जिसमें 4.12 लाख वाहनों को सीधा फायदा होगा। वाहन चालकों की संख्या के आधार पर शिवाजी वाटिका व जीपीओ चौराहे को मिलाकर बनाए जाने वाला ब्रिज भी कारगर साबित होगा। यहां पर 2.13 लाख वाहन चालकों को फायदा होगा तो कंसल्टेंट कपनी ने एमवाय से आयकर भवन की ओर अंडरपास बनाने का भी प्रस्ताव दिया है। निर्माण की लागत 161.05 करोड़ आंकी गई है।
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कैबिनेट से मिली मंजूरी…अब गोवंश के लिए मुफ्त में मिलेगी जमीन, पैसे भी देगी सरकार कौन बनाएगा ओवर ब्रिज?
ओवर ब्रिज की फिजिबिलिटी रिपोर्ट तो आ गई है लेकिन उन्हें बनाएगा कौन इस पर संशय है। एलिवेटेड ब्रिज को लेकर केंद्र ने पीडब्ल्यूडी को 300 करोड़ रुपए दिए थे और टेंडर भी उसी ने जारी किया था। विभाग चाहता है कि ये काम भी वही करे, लेकिन जनप्रतिनिधि चाहते हैं कि आइडीए निर्माण करें।
इन बिंदुओं पर हुआ है सर्वे
- टर्निंग मूवमेंट ट्रेफिक सर्वे हुआ, जिसमें वीडियोग्राफी से सभी दिशाओं से चौराहे पर आने वाले वाहनों की गिनती करना।
- ओडी सर्वे में वाहनों के मूल दिशा और गंतव्य दिशा की पहचान करके श्रेणीवार हर दिशा की वाहन संख्या निकाली गई।
- टोपोग्राफिक सर्वे में चौराहे की मौजूदा संरचनाओं की मौजूदा स्थिति, टोटल स्टेशन यंत्र से सर्वे ड्राइंग बनाई गई जो कि चौराहों की डिजाइन करने में सहयोगी होता है।
- ट्रैफिक सर्वे एनालिसिस में चौराहे से गुजरने वाले प्रतिदिन कुल वाहन संया पता लगाई गई। व्यस्त समय की वाहन संया, श्रेणीवार संया, दिशावार वाहन संया और उच्च यातायात वाली दिशा तय की गई।