जुझारपुर रेलवे गेट की टर्निंग पर 90 डिग्री का कर्व होने से यहां बस और बड़े वाहन फंस जाते हैं। जिससे दिन में कई बार जाम की स्थिति बनती है। इस समस्या का समाधान करने अब रेलवे गेट पर ब्रिज का निर्माण हो रहा है।
2027 में पूरा होगा ब्रिज
जुझारपुर और तरौंदा गांव के किसानों की रेलवे गेट से लगी जमीनों पर निर्माण चल रहा है। निर्माण के लिए इटारसी से जुझारपुर की तरफ लोहे के जाल बुने जा रहे हैं। कुछ जगह स्ट्रक्चर भी तैयार हो चुका है। वर्ष 2027 तक काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। ब्रिज निर्माण के बाद यहां से आवाजाही करने वालों को जाम में फंसने सहित होने वाली अन्य परेशानियों से छुटकारा मिलेगा। वर्तमान में निर्माण कार्य के चलते पूरी सड़क पर धूल के गुबार उड़ रहे हैं। ये भी पढ़ें:
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जुझारपुर रेलवे गेट पर 750 फीट लंबा और 12 मीटर चौड़ा ब्रिज बनेगा। जिसमें दोनों तरफ पाथवे होंगे। ब्रिज की लागत 95 करोड़ रुपए बताई गई है। साइट सुपरवाइजर अकरम आर्यन ने बताया कि यह काम दिल्ली की लाल कंस्ट्रक्शन इंडिया लिमिटेड कंपनी कर रही है। वर्ष 2027 तक काम पूरा होगा। जुझारपुर रेलवे गेट के पास ठेका कंपनी ने निर्माण कार्य शुरू कर दिया है।
साल 2015-16 में लोक निर्माण विभाग ने पुरानी इटारसी आचार्य मंगल भवन से जमानी-धरमकुंडी तक 30.60 किमी सीसी रोड के लिए 49.95 करोड़ रुपये की बजट की मंजूरी दी थी। गुजरात की केतन कंस्ट्रक्शन कंपनी ने सड़क निर्माण का काम धरमकुंडी से शुरू किया गया था। सड़क का निर्माण पूरा हो चुका है। पुरानी इटारसी आचार्य मंगल भवन के पास से भी सड़क का चौड़ीकरण किया गया था। यहां मौजूद अतिक्रमण हटाए गए थे। जिसकी वजह से वर्तमान में सड़क चौड़ी नजर आ रही है।
दिन में कई बार लगता है जाम
रेलवे गेट पर ब्रिज बनने से यहां यातायात बेहतर होगा। कर्व में वाहन फंसने की समस्या से लोगों को छुटकारा मिलेगा। उल्लेखनीय है कि इस रूट से इटारसी, सिवनी, बानापुरा और हरदा तक बसें संचालित होती है। ग्रामीणों ने बताया कि दिन में कई बार रेलवे गेट पर जाम लग जाता है। जुझारपुर के दिनेश साहू, विजय चौधरी बताते हैं कि इस रूट से हरदा, खंडवा की बसें आवाजाही करती हैं। रेलवे गेट पर जुझारपुर गांव की तरफ कर्व है। इसी वजह से बडे़ ट्राले और बसों को मुड़ने में परेशानी होती है। ऐसे में जब आमने-सामने से बड़ी गाड़ी आती है तो वे फंस जाते हैं। इसी वजह से जाम लगता है। इस दौरान ट्रैक पर ट्रेन के आने से भी मुश्किलें बढ़ जाती हैं।