script‘महिला बलात्कार नहीं कर सकती लेकिन रेप के लिए उकसा सकती है..’ हाईकोर्ट का फैसला | mp news A woman cannot commit rape but can provoke for rape High Court's decision | Patrika News
जबलपुर

‘महिला बलात्कार नहीं कर सकती लेकिन रेप के लिए उकसा सकती है..’ हाईकोर्ट का फैसला

mp news: भोपाल में हुए एक रेप के मामले में एमपी हाईकोर्ट ने उकसावे की परिभाषा को स्पष्ट करते हुए कहा- महिला रेप नहीं कर सकती लेकिन रेप के लिए उकसा सकती है..।

जबलपुरMar 27, 2025 / 06:38 pm

Shailendra Sharma

MP HIGH COURT
mp news: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने बलात्कार के एक मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट जस्टिस प्रमोद कुमार अग्रवाल ने बलात्कार के मामले में भारतीय कानून के तहत उकसावे की परिभाषा को स्पष्ट करते हुए कहा कि भले ही कोई महिला स्वयं बलात्कार के लिए आरोपित नहीं हो सकती लेकिन वह आईपीसी की धारा 109 के तहत बलात्कार के लिए उकसाने की दोषी हो सकती है। रेप के लिए उकसाने वाली आरोपी महिला के खिलाफ भी 376 r/w 34, 109 और 506-11 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

भोपाल में महिला से रेप का है मामला


ये पूरा मामला भोपाल के छोला मंदिर इलाके में एक महिला के साथ हुए रेप से जुड़ा है। महिला ने 21 अगस्त 2022 को छोला मंदिर थाने में रेप की शिकायत दर्ज कराई थी। जिसमें उसने बताया था कि पड़ोसी ने उसके सामने शादी का प्रस्ताव रखा था और जब वो शादी के लिए सहमति देने उसके घर गई तो आरोपी की मां व भाई ने जबरदस्ती उसे आरोपी के कमरे में भेजकर दरवाजा बंद कर दिया था। कमरे ने आरोपी ने उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए और फिर उनकी सगाई हो गई थी। सगाई के बाद आरोपी ने कई बार संबंध बनाए और फिर शादी करने से इंकार कर दिया था। भोपाल की निचली अदालत मुख्य आरोपी को दोषी मानते हुए उसके मां और भाई को भी सह अभियुक्त बनाया था। जिसके बाद हाईकोर्ट में सेशन कोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई थी।

यह भी पढ़ें

एमपी में बड़े अफसर पर सख्त हुआ हाईकोर्ट, ठोका 1 लाख रूपये का जुर्माना..



हाईकोर्ट की टिप्पणियां

अदालत ने कहा कि आईपीसी की धारा 376 “एक पुरुष” से शुरू होती है, जो स्पष्ट करता है कि बलात्कार का अपराध केवल पुरुष द्वारा किया जा सकता है। लेकिन धारा 109 के तहत महिला उकसावे के लिए दोषी ठहराई जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट के ओम प्रकाश बनाम हरियाणा राज्य फैसले का हवाला देते हुए हाईकोर्ट ने कहा-“जानबूझकर अपराध में सहायता करना धारा 107 IPC की तीसरी परिभाषा में आता है। अतः महिला और पुरुष दोनों बलात्कार के लिए उकसावे के दोषी हो सकते हैं।”वहीं एफआईआर में नाम न होने के मुद्दे पर कोर्ट ने कहा- “निस्संदेह, एफआईआर में याचिकाकर्ताओं के नाम नहीं हैं, लेकिन अभियोगी द्वारा धारा 161 और 164 Cr.P.C. के तहत दिए गए बयानों में स्पष्ट आरोप लगाए गए हैं…”।

Hindi News / Jabalpur / ‘महिला बलात्कार नहीं कर सकती लेकिन रेप के लिए उकसा सकती है..’ हाईकोर्ट का फैसला

ट्रेंडिंग वीडियो