राजस्थान में ही रहेंगी दोनों पाकिस्तानी दुल्हनें, खुशी से झूमे दोनों के पति, जानें पूरा मामला
राजस्थान के जैसलमेर से एक भावुक स्टोरी सामने आई है, जहां 10 दिन बाद ही पाकिस्तानी दुल्हनों को भारत छोड़ने के लिए कह दिया गया। इस मामले में राजस्थान सरकार ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखा है।
पाकिस्तान में शादी के बाद दोनों दुल्हनें 2 साल बाद 11 अप्रैल को भारत लौटी थीं।
जयपुर। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के सभी शॉर्ट टर्म वीजा को रद्द कर दिया है। लेकिन राजस्थान के जैसलमेर से एक भावुक स्टोरी सामने आई है, जहां 10 दिन बाद ही पाकिस्तानी दुल्हनों को भारत छोड़ने के लिए कह दिया गया। इस मामले में राजस्थान सरकार ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखा है।
दरअसल, भारतीय नागरिक सालेह मोहम्मद और मुश्ताक अली की शादियां साल 2023 में पाकिस्तानी महिलाओं के साथ हुईं, लेकिन उनकी दुल्हनें करम खातून (21) और सचुल (22) शादी के करीब दो साल बाद 11 अप्रैल को भारत पहुंचीं। दूसरी तरफ 25 अप्रैल को पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद सरकार ने पाकिस्तानी शार्ट टर्म वीजा को रद्द कर दिया। ऐसे में इन दोनों दुल्हनों को पाकिस्तान लौटने का निर्देश दिया गया।
निर्देश आने तक भारत में रहने की इजाजत
दुल्हनों के ससुराल वालों ने पुलिस अधीक्षक और जैसलमेर विदेशी पंजीकरण कार्यालय (FRO) से अपील की है कि मानवीय आधार पर दुल्हनों को उनके पतियों से अलग न किया जाए या वापस पाकिस्तान न भेजा जाए। इस अनुरोध पर एफआरओ ने राजस्थान के गृह विभाग और महानिदेशक खुफिया को पत्र लिखकर आगे की कार्रवाई के बारे में दिशा-निर्देश मांगे हैं। इस बीच, दुल्हनों को केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश तक अपने पतियों के साथ भारत में रहने की इजाजत दे दी गई है।
सीमा सुरक्षा बल के अधिकारियों ने क्या कहा?
जोधपुर के सीमा सुरक्षा बल के डीआईजी अजय सिंह ने मीडिया को बताया कि दुल्हनें अप्रैल में शॉर्ट-टर्म वीजा पर भारत आई थीं और उन्हें शुरू में पाकिस्तान लौटने के लिए नोटिस दिया गया था, क्योंकि सरकार ने आदेश दिया था कि शॉर्ट-टर्म वीजा पर आए सभी पाकिस्तानियों को वापस लौटना होगा।
हालांकि, जैसलमेर में रहने वाली दो विवाहित पाकिस्तानी महिलाओं के परिवारों ने दस्तावेज जमा किए और अनुरोध किया कि दुल्हनों को वापस न भेजा जाए। इसके बाद, इस मामले पर सलाह लेने के लिए गृह विभाग और डीजी इंटेलिजेंस को एक पत्र भेजा गया।
भारतीय पतियों ने 2 साल किया इंतजार
उन्होंने कहा कि संबंधित आदेश मिलने के बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा। इस बीच, दुल्हनें जैसलमेर में ही रहेंगी। सालेह मोहम्मद और मुश्ताक अली अपनी दुल्हनों से जुलाई 2023 में घोटकी जिले में अपनी मौसी से मिलने के दौरान मिले। अपने परिवारों की सहमति से, दोनों जोड़ों ने अगस्त 2023 में शादी की।
अगस्त 2023 में शादी के बाद डेढ़ साल तक वीजा का इंतजार चला। आखिर 13 अप्रैल 2025 को दोनों दुल्हनें भारत आईं, लेकिन महज 10 दिन बाद आतंकी हमले के चलते उन्हें वापस भेजने का फरमान सुनाया गया। ससुर हाजी अब्दुल्ला ने कहा कि करम खातून के माता-पिता भी साथ नहीं हैं, ऐसे में उसे पाकिस्तान भेजना मुमकिन नहीं।
रोते हुए दुल्हनों ने कहा कि पतियों से बिछड़ने से बड़ा दुख और क्या होगा? वहीं आदेश की खबर सुनते ही दूल्हा मुश्ताक अली सदमे में बीमार पड़ गया, जोधपुर में इलाज जारी है। परिवार ने सरकार से इंसाफ और दया की अपील की थी। अब राहत मिलने से दोनों के पति समेत पूरे परिवार को राहत की सांस मिली है।
यह वीडियो भी देखें दुल्हनें तुरंत भारतीय वीजा प्राप्त करने में असमर्थ थीं, इसलिए दूल्हे सितंबर 2023 में भारत लौट आए, उनके वीजा स्वीकृत होने के बाद अपनी पत्नियों के आने का इंतजार करने लगे। लगभग डेढ़ साल के इंतजार के बाद, भारत सरकार ने अप्रैल 2025 में दुल्हनों को वीजा प्रदान किया।
महिलाएं 11 अप्रैल को जैसलमेर पहुंचीं और अपने नए परिवारों के साथ रहने लगीं। हालांकि, सिर्फ दस दिन बाद, 22 अप्रैल को पहलगाम में एक आतंकवादी घटना के बाद भारत सरकार ने सभी पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने का आदेश दे दिया।
दूसरी तरफ डेढ़ साल की एक पाकिस्तानी बच्ची को श्रीगंगानगर में अपनी भारतीय मां के साथ भारत में रहने की अनुमति दे दी गई है, जबकि हाल ही में केंद्र सरकार ने अल्पकालिक वीजा पर पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर छोड़ने का निर्देश दिया था।
बच्ची, जो श्रीगंगानगर के जैतसर में अपनी मां के साथ रह रही थी, उसको शुरू में निर्वासन सूची में शामिल किया गया था। उसकी मां भौर रश्मि ने तीन साल पहले कराची के पास उमरकोट के डॉ. धनपत सोडा से शादी की थी और वह पाकिस्तान में रह रही थी, जहां बच्ची का जन्म हुआ।
रश्मि 3 अप्रैल को अपने परिवार से मिलने भारत लौटी। जैतसर पुलिस ने मामले की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को दी, जिसके बाद मानवीय आधार पर बच्ची को भारत में रहने की इजाजत दे दी गई। श्रीगंगानगर के एसपी गौरव यादव ने बच्ची की मां की भारतीय नागरिकता का हवाला देते हुए इस फैसले की पुष्टि की।