अब तक इस अभियान के तहत 17 लाख 63 हजार से अधिक अपात्र व्यक्तियों ने स्वेच्छा से खाद्य सुरक्षा सूची से नाम हटा लिया है। दूसरी ओर, सरकार ने 20 लाख 80 हजार से अधिक नए पात्र लोगों को सूची में शामिल भी किया है, जिससे वंचित जरूरतमंदों को लाभ मिल सके।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने बताया कि ऐसे सभी व्यक्ति जो सरकारी, अर्द्ध सरकारी या स्वायत्तशासी संस्थाओं में कार्यरत हैं, सालाना एक लाख रुपए से अधिक पेंशन या आय प्राप्त करते हैं, आयकरदाता हैं या उनके पास निजी चौपहिया वाहन है—उन्हें अपात्र मानते हुए सूची से बाहर किया जा रहा है। विभाग ऐसे अपात्र लोगों को खुद सामने आकर नाम हटाने की अपील कर रहा है।
जिन कर्मचारियों ने अब तक नाम नहीं हटाया है, उनकी सूचियां संबंधित विभागों को भेजी जा रही हैं, ताकि वसूली की राशि उनके मासिक वेतन से काटी जा सके।