पत्रिका ने खाद्य सुरक्षा योजना को लेकर आवेदन करने वाले कई लोगों से बात की। जो ई मित्र व सरकारी कार्यालयों के चक्कर काट रहे है। सामने आया कि योजना में जुड़ने के लिए 20 समावेशन की प्राथमिकता श्रेणी दी गई है। जिनमें कई श्रेणियां ऐसी है। जिसके तहत जरूरतमंदों को इस लाभ से वंचित होना पड़ रहा है। जैसे कचरा बीनने वाले परिवार, रिक्शा चलाने वाले व घरों में साफ सफाई करने वाली महिलाएं इत्यादि। यह लोग आवेदन के लिए ई मित्र पर जा रहे है। जहां पर इनसे आवेदन के लिए दस्तावेज मांगे जाते है। ऐसे में इन लोगों के सामने यह संकट खड़ा हो रहा है कि यह अपने काम के संबंध में कौनसे अधिकारिक दस्तावेज दे। सरकार की ओर से 26 जनवरी को खाद्य सुरक्षा पोर्टल को शुरू किया गया था। ताकि पात्र लोग खाद्य सुरक्षा से जुड़ सकें।
अधिकारियों ने साधी पूरे मामले में चुप्पी… पत्रिका ने खाद्य सुरक्षा योजना में आ रही परेशानी को लेकर कलक्टर से लेकर खाद्य विभाग के प्रिंसिपल सेकेट्री तक को फोन किए। लेकिन किसी ने भी फोन नहीं उठाया। अधिकारी इस पूरे मामले में चुप्पी साधे हुए है।
पीड़ितों ने कहा, काट रहे है चक्कर… पत्रिका ने इस मामले में पीड़ितों से बात की। पीड़ितों ने कहा कि उनकी आर्थिक स्थिति खराब है। उन्हें खाद्य सुरक्षा योजना में जुड़ना है। लेकिन वह जुड़ नहीं पा रहे है। वह जरूरतमंद होकर भी आवेदन नहीं कर पा रहे है। पीड़ितों ने कहा कि अगर उन्हें योजना का लाभ नहीं मिलेगा तो ऐसी सरकारी योजना का फिर क्या फायदा है।
केस 1 – पति मर गया, पोंछा लगाकर घर चला रही हूं… ब्रह्मपुरी स्थित मोहन नगर निवासी सुशीला बारी का कहना है कि वह कई बार ई मित्र के चक्कर काट चुकी है। लेकिन उसका खाद्य सुरक्षा योजना में आवेदन नहीं हो रहा है। सुशीला ने बताया कि उसका पति मर चुका है। उसकी एक बेटी को उसके पति ने छोड़ दिया है। घर में कोई कमाने वाला नहीं है। बेटा छोटा है। ऐसे में पूरा घर चलाने के लिए पोंछा लगाकर कमा रही है। उसकी माली हालत खराब है। अब उससे साफ सफाई करने, पोंछा लगाने को लेकर दस्तावेज मांगे जा रहे है। अब वह कौनसे अधिकारिक दस्तावेज लगाए। उसे समझ नहीं आ रहा है।
केस 2 – जूते की दुकान पर काम करता है पति, आवेदन अटक गया… बड़ौदिया बस्ती निवासी पूजा मीणा ने बताया कि वह खाद्य सुरक्षा योजना में आवेदन नहीं कर पा रही है। उसके पति जूतों की दुकान पर काम करते है। लगभग पांच हजार रुपए महीने के हिसाब से वेतन मिलता है। अब आवेदन के समय अधिकारिक दस्तावेज मांगा जा रहा है। जिसके चलते उसका आवेदन अटका हुआ है।
आधार कार्ड और राशनकार्ड में नाम में मिस्टेक होने से भी अटके आवेदन… जरूरतमंदों के सामने पोर्टल पर परेशानियां आ रही है। आधार कार्ड और राशनकार्ड में अंग्रेजी में नाम में स्पेलिंग मिस्टेक होना आम बात है। लेकिन अब यह मिस्टेक लोगों के लिए सिरदर्द बन गई है। एक भी अक्षर की मिस्टेक होने से नाम मैचिंग पोर्टल पर नहीं हो रहा है। जिसके कारण हजारों लोगों के आवेदन अटक गए है।
इनका कहना है…. यह बात सही है कि आवेदन के लिए अधिकारिक दस्तावेज देंगे, तब ही आवेदन मान्य होगा। लेकिन रिक्शे वाला, पोंछा लगाने वाला इत्यादि श्रेणी के लोगों के सामने अधिकारिक दस्तावेज लाने को लेकर परेशानी आ रही है तो मैं इस संबंध में जानकारी लेता हूं। साल 2023 का एक सरक्यूर्लर है। उसे देखकर बताता हूं, ताकी ऐसे लोगों की मदद हो सके।
त्रिलोक चंद मीणा
डीएसओ, जयपुर