बता दें, यह कार्रवाई ACB के डीएसपी अभिषेक पारीक की अगुवाई में डीआईजी राहुल कोटोकी और कार्यवाहक डीजी स्मिता श्रीवास्तव के निर्देश पर की गई।
होमगार्ड के एक जवान ने लगाए आरोप
ACB को मिली शिकायत के अनुसार, होमगार्ड में तैनात एक जवान ने आरोप लगाया था कि एडिशनल SP नवनीत जोशी और CI जितेंद्र पाल ने अनुशासनात्मक कार्रवाई से बचाने के एवज में उससे मासिक रिश्वत की मांग की थी। जवान का निलंबन रद्द करने के लिए दोनों अधिकारियों ने 2 लाख रुपये की रिश्वत तय की थी, जिसमें पहली किश्त के रूप में 25 हजार रुपये मांगे गए। जवान ने बताया कि दोनों अधिकारी उसे पिछले 8 महीनों से मासिक 25 हजार रुपये की “बंधी” देने के लिए दबाव डाल रहे थे। शिकायत के बाद ACB ने मामले का सत्यापन किया, जिसमें रिश्वत की मांग की पुष्टि हुई। इसके बाद, ACB ने जाल बिछाकर परिवादी जवान को 25 हजार रुपये की पहली किश्त लेकर भेजा।
जैसे ही CI जितेंद्र पाल ने रिश्वत की रकम ली और उसे एडिशनल SP नवनीत जोशी तक पहुंचाने की कोशिश की, ACB की टीम ने दोनों को धर दबोचा। यह राशि जितेंद्र पाल के माध्यम से नवनीत जोशी तक पहुंचाई जा रही थी।
आरोपियों के अन्य ठिकानों पर तलाश शुरू
कार्रवाई के बाद ACB ने दोनों आरोपियों के आवास और अन्य ठिकानों पर तलाशी शुरू की। ACB को संदेह है कि इन अधिकारियों ने अन्य होमगार्ड जवानों से भी रिश्वत वसूली हो सकती है। इसकी जांच के लिए ACB ने गहन पड़ताल शुरू कर दी है। ACB के सूत्रों के अनुसार, इस कार्रवाई से होमगार्ड विभाग में हड़कंप मच गया है। अधिकारियों पर आरोप है कि वे अपने पद का दुरुपयोग कर जवानों को डराने-धमकाने और रिश्वत वसूलने में शामिल थे। सूत्रों के मुताबिक ACB ने इस मामले में अन्य संभावित पीड़ितों की पहचान के लिए जांच को तेज कर दिया है।