जंतर-मंतर पर हुआ ध्वजा परीक्षण
राजधानी के ऐतिहासिक जंतर-मंतर में 110 फीट ऊंचे वृहद सम्राट यंत्र पर वरिष्ठ ज्योतिषियों एवं पंचांगकर्ताओं ने सूर्यास्त के समय ध्वजा की दिशा देखकर वायु प्रवाह का अध्ययन किया। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार वर्ष संवत्सर का नाम ‘सिद्धार्थ’ होने से बादल जल से परिपूर्ण रहेंगे और वर्षा अच्छी होगी।विज्ञान केंद्र में हुआ 298वां वायु परीक्षण
शास्त्री नगर स्थित क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र एवं विज्ञान पार्क में अखिल भारतीय प्राच्य ज्योतिष शोध संस्थान की ओर से 298वां वायुपरीक्षण किया गया। संयोजक डॉ. रवि शर्मा ने बताया कि यहां भी वायु का प्रवाह पश्चिम दिशा में पाया गया, जो भरपूर जलवृष्टि और बेहतर कृषि उत्पादन का संकेत देता है, हालांकि जल प्रकोप की आशंका भी व्यक्त की गई।चार स्तंभों का तुलनात्मक निष्कर्ष
जल स्तंभ: 85.35% – वर्षा की स्थिति श्रेष्ठतृण स्तंभ: 100% – चारे की उपलब्धता उत्तम
वायु स्तंभ: 10.72% – वायु में न्यूनता
अन्न स्तंभ: 21.67% – अन्न उत्पादन में संभावित रोग-प्रकोप