राजस्व से जुड़े परिवहन विभाग में परिवहन निरीक्षकों की हड़ताल ने विभाग के अधिकारियों की टेंशन बढ़ा दी है। वित्तीय वर्ष खत्म होने से पहले अगर यह हड़ताल जल्दी खत्म नहीं हुई तो विभाग को राजस्व का बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा। इधर मामले की गंभीरता को देखते हुए डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा आज परिवहन निरीक्षकों से बात भी करेंगे। कल रात से ही परिवहन निरीक्षकों ने हड़ताल कर दी है। जिसके चलते सभी निरीक्षक अपने फ्लाइंग स्क्वॉड वाहनों को कार्यालयों में खड़ा कर दिया है।
परिवहन निरीक्षक संघ के अध्यक्ष राजेश चौधरी ने बताया कि यह घटना परिवहन विभाग के कार्यों में बाधा उत्पन्न करने की तथा निरीक्षकों को भयाक्रांत किए जाने सोची-समझी साजिश है। चौधरी का कहना है कि जब तक उनकी मांग नहीं मानी जाएगी तब तक परिवहन निरीक्षकों की हड़ताल जारी रहेगी।
कार्य बहिष्कार से करोड़ों का नुकसान.. परिवहन निरीक्षकों की हड़ताल का राजस्व पर खासा असर होगा। परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग राजस्थान का वार्षिक राजस्व लक्ष्य 8000 रुपए करोड़ है। जिसमें पिछले वर्ष की उपलब्धि 7000 रुपए करोड़ रही थी। यदि निरीक्षक कार्य नहीं करेंगे तो प्रतिदिन अनुमानित 5-10 करोड़ रुपए का राजस्व नुकसान होगा। परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग को एक बड़े वित्तीय घाटे का सामना करना पड़ेगा। इसके साथ ही विभाग में 171 फ्लाइंग स्क्वॉड कार्यरत हैं, जो यातायात नियमों का कड़ाई से पालन कराते हैं। निरीक्षकों के कार्य बहिष्कार से प्रदेश में सड़क हादसे भी बढ़ सकते हैं।
यह था मामला…. शनिवार देर रात में धौलपुर पुलिस ने बरेठा पोस्ट पर तैनात दो परिवहन निरीक्षकों को हिरासत में ले लिया। रात करीब 1:30 बजे दोनों परिवहन निरीक्षक अनिल प्रसाद और शैलेंद्र वर्मा अपनी ड्यूटी कर रहे थे। इस दौरान धौलपुर एसपी सुमित मेहरड़ा मौके पर पहुंचे और उन्होंने पुलिस टीम को निर्देश दिया कि दोनों परिवहन निरीक्षकों को हिरासत में लिया जाए। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने जबरन दोनों अधिकारियों को गाड़ी में बैठाया और उन्हें थाने ले जाया गया। रातभर पुलिस थाने में दोनों परिवहन निरीक्षकों से पूछताछ की गई। पुलिस ने दोनों अधिकारियों की जांच की तो उनके पास कोई अवैध राशि नहीं मिली। इसके बाद आज सुबह करीब 7 बजे पुलिस ने दोनों परिवहन निरीक्षकों को थाने से रिहा कर दिया। इस घटना के बाद पुलिस और परिवहन विभाग के बीच तकरार बढ़ गई।