सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतम कुमार दक ने बताया कि इस योजना को लेकर किसानों और ऋणी सदस्यों में भारी उत्साह देखा गया। 30 जून को अंतिम तिथि होने के कारण प्रदेश के भूमि विकास बैंकों में भारी भीड़ उमड़ी, देर रात तक लोग पोर्टल पर रसीदें कटवाने के लिए कतारों में लगे रहे। बावजूद इसके कई पात्र ऋणी योजना का लाभ नहीं ले सके। इन किसानों की मांग को देखते हुए सरकार ने तारीख बढ़ाने का निर्णय लिया है।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की इस किसान हितैषी योजना के माध्यम से अब तक 7,500 से अधिक ऋणियों को लगभग 130 करोड़ रुपए का ब्याज माफ कर राहत दी जा चुकी है। इससे ऋणी किसान अपनी रहन रखी जमीन मुक्त करवा पाएंगे और पुनः आर्थिक मुख्यधारा में लौट सकेंगे।
राज्य सरकार की इस योजना में अवधिपार ब्याज, दंडनीय ब्याज और वसूली खर्च में शत-प्रतिशत राहत दी जा रही है। पात्र ऋणियों को केवल मूलधन और बीमा प्रीमियम की राशि चुकानी होगी। इसके साथ ही सरकार ने दीर्घकालीन कृषि और अकृषि निवेश ऋण के लिए 36 प्राथमिक भूमि विकास बैंकों को नए ऋण वितरण लक्ष्य भी दिए हैं, जिससे और अधिक किसान लाभान्वित हो सकें।
यह निर्णय राज्य सरकार की किसानों के प्रति प्रतिबद्धता और संवेदनशीलता को दर्शाता है। योजना की अवधि बढ़ाए जाने से हजारों और ऋणियों को आर्थिक राहत मिलेगी और वे अपने कर्ज से मुक्त हो सकेंगे।