राजस्थान विश्वविद्यालय में कॉमर्स के 3 विभाग बंद करने पर विवाद… भर्ती में पात्रता से बाहर होने की आशंका से भड़के छात्र
राजस्थान यूनिवर्सिटी में कॉमन पीजी होने से यूनिवर्सिटी की डिग्री नौकरी के लिए मान्य नहीं होने से छात्रों में रोष है, बिना सलाह के लिए गए निर्णय के खिलाफ छात्रों ने राज्यपाल और सरकार को लिखित में शिकायत दी है।
Student News: राजस्थान विश्वविद्यालय में कॉमर्स संकाय के तीन स्नातकोत्तर (पीजी) विषयों, अकाउंट्स एंड बिजनेस स्टैटिस्टिक्स (एबीएसटी), इकोनॉमिक एडमिनिस्ट्रेशन एंड फाइनेंशियल मैनेजमेंट (एएएफएम) और बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (बीएडीएम) को समाप्त कर एक सामान्य (कॉमन) विषय में पीजी कराने के निर्णय ने विवाद खड़ा कर दिया है। निर्णय के सार्वजनिक होते ही छात्रों और शिक्षकों में आक्रोश फैल गया है।
विश्वविद्यालय की एकेडमिक काउंसिल में यह निर्णय बिना संबंधित विभागों, फैकल्टी और डीन की सलाह के लिया गया। छात्रों ने इस मुद्दे को लेकर राज्यपाल और राज्य सरकार को लिखित शिकायत भी भेजी है।
छात्रों का आरोप, भर्ती में पात्रता से होंगे बाहर
छात्रों का कहना है कि राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) द्वारा सहायक आचार्य की भर्तियां तीनों विषयों में अलग-अलग होती हैं। यदि विश्वविद्यालय एक कॉमन विषय में पीजी डिग्री देगा, तो यह डिग्री आरपीएससी की पात्रता के मानदंडों को पूरा नहीं करेगी और इससे हजारों छात्र सरकारी नौकरी से वंचित रह सकते हैं।
कहां कितनी सीटें स्वीकृत
कॉमर्स संकाय में वर्तमान में एबीएसटी में 180, ईएएफएम में 120 और बीएडीएम में 120 सीटें स्वीकृत हैं। तीनों विषयों के लिए अलग-अलग विभाग स्थापित हैं, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने बिना डीन और बोर्ड ऑफ स्टडीज (बीओएस) की राय लिए, इन विभागों को अचानक समाप्त कर दिया। विभागाध्यक्षों को इसकी जानकारी भी तब मिली जब काउंसिल बैठक के मिनट्स विभागों में पहुंचे।
छात्रों ने सौंपा राज्यपाल को ज्ञापन
अध्ययनरत छात्रो ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंप कर कॉमर्स संकाय के तीनों विषय यथावत रखे जाने, बिना विशेषज्ञों की सलाह के लिए गए निर्णय को रद्द करने और छात्रों की शैक्षणिक और रोजगार संबंधी हितों की रक्षा करने की मांग की है।
वापस हो निर्णय
कॉमर्स के तीन विषयों के विभाग बंद करने से छात्रों को सीधा नुकसान होगा। आरपीएससी की भर्तियों में वे अपात्र माने जाएंगे। यह निर्णय वापस लिया जाना चाहिए। -प्रो. अशोक अग्रवाल, पूर्व विभागाध्यक्ष एवं डीन, वाणिज्य संकाय, राजस्थान विश्वविद्यालय
56 साल पुराना मॉडल अब बंद
कॉमर्स संकाय में तीन विषयों का ढांचा वर्ष 1969 में स्थापित किया गया था, ताकि छात्र अपने क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल कर सकें। यह मॉडल इतना सफल रहा कि राजस्थान के अन्य विश्वविद्यालयों ने भी इसे अपनाया। अब, 56 साल बाद स्वयं राजस्थान विश्वविद्यालय ने इस मॉडल को समाप्त करने का कदम उठाया है।