अद्भुत संघर्ष, असाधारण सफलता
मनु गर्ग आठवीं कक्षा से दृष्टिबाधित हैं। ब्रेल लिपि न आने के बावजूद उन्होंने तकनीक की मदद से सामान्य छात्रों की तरह पढ़ाई की और UPSC जैसी कठिन परीक्षा में टॉप 100 में स्थान प्राप्त कर दिखा दिया कि हौसले बुलंद हों तो कोई भी बाधा रास्ता नहीं रोक सकती।
राज्यपाल बागडे ने कहा, “यदि इच्छाशक्ति प्रबल हो और चुनौतियों से जूझने का साहस हो, तो कोई भी मंजिल दूर नहीं होती। मनु जैसे युवा समाज में आशा की नई किरण जगाते हैं।” राज्यपाल ने मनु गर्ग के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए उनके परिवार को भी हार्दिक बधाई दी और उनके सहयोग की सराहना की।
प्रेरणा का प्रतीक बन चुके हैं मनु
मनु गर्ग आज की युवा पीढ़ी के लिए एक उदाहरण बन चुके हैं कि शारीरिक सीमाएं किसी की उड़ान को नहीं रोक सकतीं। उन्होंने यह सिद्ध किया है कि तकनीक का सकारात्मक उपयोग, दृढ़ संकल्प और निरंतर परिश्रम सफलता की कुंजी है।