RSSB: राजस्थान में सरकारी भर्ती परीक्षाओं को लेकर कर्मचारी चयन बोर्ड का फैसला, लिया बड़ा एक्शन
Rajasthan Staff Selection Board: राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने यह कवायद भर्ती परीक्षाओं में फर्जी डिग्रियों को रोकने के लिए की है। पूर्व में अभ्यर्थियों पास डिग्री नहीं होने के बाद भी गलत जानकारी दी जाती थी।
विजय शर्मा राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की भर्ती परीक्षाओं में अब आवेदन के समय ही प्रतियोगी को डिग्री, मार्कशीट और अन्य प्रमाण पत्रों की जानकारी देनी होेगी। बोर्ड आवेदन के बाद उन्हें अपलोड करने का मौका नहीं देगा। अगर आवेदन के समय डिग्री और मार्कशीट की जानकारी नहीं दी तो भर्ती के अभ्यर्थी भर्ती से अपात्र माना जाएगा।
बोर्ड ने यह कवायद भर्ती परीक्षाओं में फर्जी डिग्रियों को रोकने के लिए की है। पूर्व में अभ्यर्थियों पास डिग्री नहीं होने के बाद भी गलत जानकारी दी जाती थी। बाद में बोर्ड की ओर से दस्तावेज सत्यापन से पहले पोर्टल खोलकर करेक्शन का मौका दिया जाता था। इस बीच यदि अभ्यर्थी प्रतियोगी परीक्षा में पास हो जाते तो वे फर्जी डिग्री ले आते और करेक्शन में डिग्री की जानकारी देते थे।
दिव्यांग प्रमाण पत्रों पर भी सख्ती
अब राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने दिव्यांग प्रमाण कैटेगरी के छात्रों के लिए नियम में बदलाव किया है। इसके तहत अब छात्र यदि दिव्यांग कैटेगरी में आवेदन कर रहे हैं और उसमें अपात्र माने गए तो वे अन्य कैटेगरी में शामिल नहीं हो पाएंगे।
फर्जी निकल रहे प्रमाण पत्र
बोर्ड की जांच में सैकड़ों दिव्यांग प्रमाण पत्र फर्जी सामने आ रहे हैं। अभ्यर्थी जिलों से सीएमएचओ से 50 प्रतिशत दिव्यांग का प्रमाण पत्र जारी करा भर्तियों में लगा रहे हैं। बोर्ड ने जब जांच कराई तो अभ्यर्थी 15 प्रतिशत ही दिव्यांग मिले।
जांच के बाद सीएमएचओ की ओर से जारी किए प्रमाण पत्रों पर सवाल खड़े हो गए हैं। बोर्ड ने ऐसे अभ्यर्थियों को पात्र नहीं माना है। बोर्ड ने गलत प्रमाण पत्र जारी करने पर स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखा है, जिसमें कहा कि सीएमएचओ की ओर सेे गलत प्रमाण पत्र क्यों जारी किए गए, इसकी जांच कराई जाए।
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सबसे अधिक फर्जीवाड़ा पीटीआइ भर्ती परीक्षा में नजर आया
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की आधा दर्जन से अधिक भर्ती परीक्षाओं में इस तरह का फर्जीवाड़ा सामने आया। सबसे अधिक फर्जीवाड़ा पीटीआइ भर्ती में नजर आया। यहां एक हजार से अधिक अभ्यर्थियों ने परीक्षा पास करने के बाद बोर्ड को फर्जी डिग्री सौंप दी। इतना ही नहीं दो से अधिक अभ्यर्थियों ने नौकरी हासिल कर ली, जिन्हें हाल ही शिक्षा विभाग ने नौकरी से हटाया है। इसी प्रकार फायरमैन, पुस्तकालय सहित कई भर्तियों में यही पैटर्न देखने को मिला।
अब आवेदन के समय ही अभ्यर्थियों को डिग्री की जानकारी देनी होगी। पहले दस्तावेज सत्यापन से पहले मंगाते थे। इससे अभ्यर्थियों को फर्जीवाड़ा करने का मौका मिल जाता था।