ऐसे कर रहे अवैध खनन और सप्लाई
राजस्थान में अवैध खनन बड़े राजनेताओं, पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की सहमति से परवान पर है। टोंक-सवाई माधोपुर क्षेत्र में रात को ट्रैक्टर-ट्रॉली में बजरी नदी से भरकर बाहर निकाली जाती है। बाद में यह ढाबों व अन्य जगह डालकर रात को ही ट्रकों में भरकर रवाना कर दी जाती है। बजरी भी वाहनों में ओवरलोड भरी जाती है। वाहन की जानकारी व लोकेशन छिपाने के लिए बजरी की अवैध सप्लाई में लगे ट्रोले पर फास्टैग भी नहीं लगाए गए। यह ट्रोले टोल नाकों पर नकद भुगतान कर निकल रहे हैं।101 खानों के शुरू होने में अभी लगेगा समय
प्रदेश में करीब सवा साल में 101 बजरी खानों की नीलामी की गई है। खानें 6715 हेक्टेयर क्षेत्र में दी गई हैं, जो जयपुर रीजन में 2, अजमेर में 16, जोधपुर में 58, राजसमंद में 10, भीलवाड़ा में 13 और कोटा रीजन में 2 खान हैं। फिलहाल इन खानों को पर्यावरण अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं मिलने व अन्य कागजी कार्रवाई पूरी नहीं होने से बजरी खनन शुरू होने में समय लगेगा। विभाग करीब 52 बजरी खानों की और नीलामी करने की तैयारी कर रहा है।बड़ी कार्रवाई नहीं
खान विभाग आंकड़ों की पूर्ति के लिए कार्रवाई तो कर रहा है, लेकिन इनमें ज्यादातर ट्रैक्टर-ट्रॉली अन्य छोटी कार्रवाई के आंकड़े हैं। अवैध खनन पर शिकंजा कसने को लेकर बड़े पैमाने पर कार्रवाई नहीं हो रही।साल- प्रकरण- एफआइआर
वर्ष 2023-24- 4241- 709
वर्ष 2024-25 – 3325- 411