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जयपुर

Rajasthan News: राजस्थान में बजरी का अवैध खनन परवान पर… दिखावटी कार्रवाई, जिम्मेदार मौन

राजस्थान में बजरी की मांग 60 से 70 फीसदी तक बनास नदी से ही पूरी होती है। बनास में टोंक-सवाई माधोपुर क्षेत्र में टोडारायसिंह के अलावा कहीं भी बड़ी खान चालू नहीं है।

जयपुरFeb 24, 2025 / 08:59 am

Rakesh Mishra

illegal mining of gravel
सुनील सिंह सिसोदिया
राजस्थान में बजरी की 24 खानों को छोड़ लगभग सभी खानें बंद पड़ी हैं। इसके बावजूद बजरी की कमी को लेकर हाय-तौबा नहीं मचे तो सहज की अंदाज लगाया जा सकता है कि बजरी का बड़े पैमाने पर अवैध खनन हो रहा है। टोंक और सवाई माधोपुर जिलों में बनास नदी में बजरी खनन को रोकने के लिए जिम्मेदारों की सरपरस्ती में ही जमकर अवैध खनन हो रहा है। दिखावे के तौर पर खान विभाग इक्का-दुक्का ऐसे मामलों में कार्रवाई कर खानापूर्ति में लगा है।
सवाल यह है कि जब ज्यादातर खानें बंद हैं, तो बजरी कहां से आ रही है? बजरी के अवैध खनन का मुद्दा हाल ही विधानसभा में भी उठा था। प्रदेश में बजरी की मांग 60 से 70 फीसदी तक बनास नदी से ही पूरी होती है। बनास में टोंक-सवाई माधोपुर क्षेत्र में टोडारायसिंह के अलावा कहीं भी बड़ी खान चालू नहीं है। छोटी-बड़ी मिलाकर प्रदेशभर में अभी बजरी की 24 खानें ही चल रही हैं। उनियारा में पिछले दिनों एक खान चालू हुई थी, लेकिन अब वो भी बंद है। इसके बावजूद जयपुर ही नहीं बल्कि कहीं भी बजरी की किल्लत नहीं है। बड़ी संख्या में गाड़ियां रोजाना बजरी लेकर जयपुर आ रही हैं।

ऐसे कर रहे अवैध खनन और सप्लाई

राजस्थान में अवैध खनन बड़े राजनेताओं, पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की सहमति से परवान पर है। टोंक-सवाई माधोपुर क्षेत्र में रात को ट्रैक्टर-ट्रॉली में बजरी नदी से भरकर बाहर निकाली जाती है। बाद में यह ढाबों व अन्य जगह डालकर रात को ही ट्रकों में भरकर रवाना कर दी जाती है। बजरी भी वाहनों में ओवरलोड भरी जाती है। वाहन की जानकारी व लोकेशन छिपाने के लिए बजरी की अवैध सप्लाई में लगे ट्रोले पर फास्टैग भी नहीं लगाए गए। यह ट्रोले टोल नाकों पर नकद भुगतान कर निकल रहे हैं।

101 खानों के शुरू होने में अभी लगेगा समय

प्रदेश में करीब सवा साल में 101 बजरी खानों की नीलामी की गई है। खानें 6715 हेक्टेयर क्षेत्र में दी गई हैं, जो जयपुर रीजन में 2, अजमेर में 16, जोधपुर में 58, राजसमंद में 10, भीलवाड़ा में 13 और कोटा रीजन में 2 खान हैं। फिलहाल इन खानों को पर्यावरण अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं मिलने व अन्य कागजी कार्रवाई पूरी नहीं होने से बजरी खनन शुरू होने में समय लगेगा। विभाग करीब 52 बजरी खानों की और नीलामी करने की तैयारी कर रहा है।
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बड़ी कार्रवाई नहीं

खान विभाग आंकड़ों की पूर्ति के लिए कार्रवाई तो कर रहा है, लेकिन इनमें ज्यादातर ट्रैक्टर-ट्रॉली अन्य छोटी कार्रवाई के आंकड़े हैं। अवैध खनन पर शिकंजा कसने को लेकर बड़े पैमाने पर कार्रवाई नहीं हो रही।
अवैध खनन के दर्ज प्रकरण और एफआइआर
साल- प्रकरण- एफआइआर
वर्ष 2023-24- 4241- 709
वर्ष 2024-25 – 3325- 411

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