पॉलिसियों का वितरण 15 मार्च तक
कृषकों को समय पर बीमा पॉलिसी की हार्ड कॉपी नही मिलने से खराबा होने पर फसल की जानकारी एवं किसानों को बीमा के प्रति जागरुक करने के लिए पूरे प्रदेश में ग्राम पंचायत मुख्यालय पर शिविर लगाकर पॉलिसियों का वितरण 15 मार्च तक किया जाएगा।
5 फरवरी से आयोजित किए जा रहे एग्रोस्टेक योजना के कैम्पों में भी कृषि पर्यवेक्षकों द्वारा पॉलिसियों का वितरण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जो किसान इन शिविरों में पॉलिसी प्राप्त करने से वंचित रह जाते है, वे अपनी फसल बीमा पॉलिसी संबंधित कृषि पर्यवेक्षक से प्राप्त कर सकते हैं।
फसल बीमा योजना वरदान साबित
शासन सचिव ने कहा कि किसानों को ओलावृष्टि, चक्रवात और चक्रवाती वर्षा जैसी प्राकृतिक आपदाओं से नुकसान झेलना पड़ता है। इन आपदाओं से कृषकों को राहत प्रदान करने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा चलाई जा रही प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना वरदान साबित हो रही है। केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा निरन्तर प्रचार-प्रसार और किसानों को समय पर बीमा क्लेम का भुगतान मिल जाने से इस योजना की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा कि किसानों को इन विकट परिस्थितियों में नुकसान होने पर सरकार द्वारा सहायता मिलने से आर्थिक मजबूती मिलती है, जिससे वे अपने परिवार का पालन पोषण अच्छी तरह से कर पाते है। पॉलिसी वितरण के दौरान किसान पाठशाला के माध्यम से योजना का प्रचार-प्रसार सभी ग्राम पंचायतों में किया जाएगा। बीमा कंपनियों द्वारा राज्य के सभी ग्राम पंचायत स्तर पर शिविरों का आयोजन कर लगभग 1 करोड़ 53 लाख़ बीमा पॉलिसियों का वितरण किया जाएगा। बीमा सभी श्रेणी के कृषकों के लिए स्वैच्छिक
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत कृषकों को खरीफ फसल के लिए 2 प्रतिशत, रबी फसलों के लिए 1.5 प्रतिशत और वाणिज्यिक व बागवानी फसलों के लिए 5 प्रतिशत प्रीमियम अदा करना पड़ता है। फसल बीमा सभी श्रेणी के कृषकों के लिए 2022 से स्वैच्छिक है, लेकिन ऋणी कृषकों को योजना से पृथक होने के लिए योजना से जुडऩे के अन्तिम तिथि से सात दिन पूर्व लिखित में आवेदन किया जाना आवश्यक है।