हम सब एक परिवार – मदन राठौड़
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने इस मुद्दे पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि किरोड़ी लाल मीणा को नोटिस देना पार्टी का आंतरिक मामला है। उन्होंने स्पष्ट किया कि संगठन को जब भी कुछ उचित लगता है, वह निर्णय लेता है। यह कोई सार्वजनिक मुद्दा नहीं बल्कि पार्टी के भीतर की व्यवस्था को बनाए रखने का एक तरीका है। राठौड़ ने मीडिया ट्रायल पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि यह पूरी तरह से भाजपा के परिवार का मामला है और परिवार के सदस्यों को समय-समय पर समझाना पड़ता है। मदन राठौड़ ने कहा कि हम इसे जल्द ही सुलझा लेंगे, उनके समर्थकों को भी उग्र होने की जरूरत नहीं है। हम सब एक हैं, सभी साथ बैठते हैं।
किरोड़ी लाल से तीन दिन में मांगा जवाब
भाजपा ने कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा को फोन टैपिंग के बयान को लेकर अनुशासनहीनता का नोटिस जारी किया है। पार्टी ने कहा कि उन्होंने सार्वजनिक रूप से भाजपा सरकार पर फोन टैपिंग का झूठा आरोप लगाया। इससे सरकार की छवि धूमिल हुई, जो अनुशासनहीनता के अंतर्गत आता है। भाजपा ने उनसे तीन दिन के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है। किरोड़ी के बयान से क्यों मचा बवाल?
बताते चलें कि कुछ दिन पहले किरोड़ी लाल मीणा ने सरकार पर फोन टैपिंग के आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि भाजपा नेताओं के फोन कॉल्स सुनकर उन्हें टारगेट किया जा रहा है। उनके इस बयान पर कांग्रेस ने विधानसभा में सरकार को घेरा। इस पर भाजपा हाईकमान सक्रिय हुआ और राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने राजस्थान भाजपा नेतृत्व से चर्चा की। इसके बाद ही पार्टी ने उन्हें नोटिस भेजा।
लोकसभा चुनाव के बाद दिया था इस्तीफा
लोकसभा चुनाव में दौसा सीट से हार के बाद किरोड़ी लाल मीणा ने मंत्री पद से इस्तीफा देने की घोषणा की थी। उन्होंने दावा किया था कि 8 और 25 जून को उन्होंने मुख्यमंत्री को इस्तीफा भेजा, लेकिन इसे स्वीकार नहीं किया गया। अब पार्टी द्वारा नोटिस दिए जाने के बाद यह सवाल उठ रहा है कि क्या मुख्यमंत्री अब उनका इस्तीफा स्वीकार करेंगे?
कांग्रेस का भाजपा पर पलटवार
किरोड़ी लाल मीणा के फोन टैपिंग के बयान पर कांग्रेस ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि अगर भाजपा सरकार में पारदर्शिता है, तो उन्हें किरोड़ी के आरोपों की जांच करवानी चाहिए, बजाय इसके कि उनके खिलाफ अनुशासनहीनता की कार्रवाई की जाए।