एक अगस्त 2024 के बाद जन्म लेने वाली हर बेटी को यह सहायता 7 किश्तों में सीधे बैंक खाते में दी जा रही है। पहली किश्त बेटी के जन्म पर 2,500 रुपये की दी गई है। इस साल अप्रैल से जून के बीच 66,447 बेटियों को पहली किश्त मिल चुकी है।

उदयपुर पहले तो जयपुर दूसरे नंबर पर
महिला अधिकारिता विभाग ने इस वित्तीय वर्ष में गत एक अप्रैल के बाद जन्मीं 66 हजार, 447 बेटियों को पहली किश्त जारी कर दी है। पहली किश्त के रूप में बेटी के जन्म पर माता को 2500 रुपए की सहायता मिली है। अप्रैल से जून तक तीन माह में सबसे अधिक उदयपुर में 3827 बेटियों को लाडो प्रोत्साहन योजना का लाभ मिला, वहीं जयपुर दूसरे नंबर है, यहां 3604 बेटियों को पहली किश्त की राशि मिली।
कब-कब मिलती है राशि?
जन्म पर- 2500
एक साल की उम्र और टीकाकरण के बाद- 2500
पहली कक्षा में प्रवेश पर- 4000
छठी कक्षा में प्रवेश पर- 5000
दसवीं कक्षा में- 11000
बारहवीं कक्षा में- 25000
स्नातक पास कर 21 साल की उम्र पूरी होने पर- 1,00,000

योजना का क्या है उद्देश्य
-बेटियों की पढ़ाई को बढ़ावा देना
-उनका स्वास्थ्य और सामाजिक दर्जा सुधारना
-समाज में बेटियों के प्रति सोच बदलना
-बाल विवाह और लिंगभेद को रोकना
कौन ले सकता है योजना का लाभ
-बेटी राजस्थान की हो और जन्म 1 जून 2016 के बाद हुआ हो
-जन्म JSY पंजीकृत सरकारी या निजी अस्पताल में हुआ हो
-अधिकतम दो बेटियों को ही लाभ मिलेगा
-माता-पिता के पास आधार और भामाशाह कार्ड होना जरूरी है
कैसे करें आवेदन
-आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ता गर्भवती महिलाओं की जानकारी अस्पताल को देती हैं
-जानकारी RCH रजिस्टर और PCTS पोर्टल पर दर्ज होती है
-जिनके पास भामाशाह कार्ड नहीं है, उन्हें ई-मित्र केंद्र से बनवाना होगा
-दस्तावेज जांच के बाद किश्तें मिलेंगी