शर्मा ने शिव महापुराण कथा सुनने आए लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि जयपुर की पवित्र भूमि पर भगवान शिव की महिमामयी कथा का आयोजन हो रहा है, जो कि हम सभी के लिए परम सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा कि भगवान शिव कैलाशपति, भोलेनाथ एवं विश्वनाथ के रूप में पूजे जाते हैं। ऋषि, मुनि, संत और महंत भगवान शिव के गुणों का कथा वाचन कर समाज को मार्ग दिखाते हैं।उन्होंने कहा कि आज हम एक ऐसे युग में जी रहे हैं, जहां सनातन धर्म का पुनर्जागरण हो रहा है। उज्जैन में महाकाल लोक का भव्य निर्माण और वाराणसी में भगवान विश्वनाथ के कॉरिडोर का विकास इसका जीवंत प्रमाण है।
शर्मा ने कहा कि राजस्थान शक्ति और भक्ति की धरती है। माता पन्नाधाय, भक्ति की मूर्ति मीराबाई और मां अमृता देवी जैसी महान मातृशक्ति से आज तक हम सभी प्रेरणा ले रहे हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि पंडित प्रदीप मिश्रा की वाणी में वह शक्ति झलकती है, जो हर श्रोता के हृदय को स्पर्श करती है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में इस तरह के आयोजन होने चाहिए, जिससे हमारी विरासत, संस्कृति और सनातन को मजबूती मिलेगी।