जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ में इस मामले की सुनवाई हुई, जिसमें SOG के ADG वीके सिंह व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश हुए और जांच की विस्तृत जानकारी दी। वहीं, RPSC के कार्यवाहक चेयरमैन कैलाश चंद्र मीणा भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े।
RPSC का कोई धणीधोरी है क्या?- हाईकोर्ट
हाईकोर्ट ने आरपीएससी पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि आपके दो सदस्यों के नाम सामने आने के बाद भी क्या आपकी जिम्मेदारी नहीं बनती थी कि मामला दर्ज कराते? RPSC का कोई धणीधोरी है क्या? कोर्ट ने यह भी कहा कि RPSC एक गूंगी-बहरी संस्था बन गई है, जिसे प्रदेश की युवाओं की कोई चिंता नहीं। कोर्ट ने सवाल किया कि क्या यह गैंग सिर्फ SI भर्ती परीक्षा को प्रभावित कर पाया या अन्य परीक्षाएं भी इससे प्रभावित हुईं?
ADG ने पेश की जांच रिपोर्ट
SOG के ADG वीके सिंह ने जांच के दौरान मिले अहम तथ्यों को कोर्ट के सामने रखा। उन्होंने बताया कि जगदीश विश्नोई गैंग ने पेपर लीक किया। साइट हैंडलर की मदद से विभिन्न जिलों में परीक्षार्थियों तक पेपर पहुंचाया गया। कहा कि व्हाट्सएप के जरिए भी पेपर लीक किया गया। वीके सिंह ने बताया कि बाबूलाल कटारा और रामूराम राइका की संलिप्तता जांच में सामने आई है। RPSC में चीटिंग करना आम बात- हाईकोर्ट
सुनवाई के दौरान ADG वीके सिंह ने कोर्ट में कहा कि RPSC में पहले इस तरह की घटनाएं होती थीं, लेकिन अब नहीं हो रही हैं। इस पर हाईकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की जो अब हो रहा है, वह तीन-चार साल बाद पता चलेगा। आपकी बातों से लग रहा है कि RPSC में चीटिंग करना आम बात है। वहीं पूरे मामले में आरपीएससी साइलेंट है।
कोर्ट ने सरकार से मांगा पूरा रिकॉर्ड
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा अधूरी जानकारी पेश करने पर नाराजगी जताई और बुधवार तक पूरा रिकॉर्ड पेश करने का आदेश दिया। साथ ही, भर्ती रद्द करने से जुड़ी सिफारिशों की संपूर्ण रिपोर्ट भी प्रस्तुत करने को कहा।
क्या है SI भर्ती पेपर लीक मामला?
2021 में आयोजित राजस्थान सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हो गया था। जांच में सामने आया कि फर्जी अभ्यर्थियों को डमी कैंडिडेट के रूप में बिठाया गया। नौकरी पाने के लिए फर्जीवाड़ा किया गया। इस मामले में SOG ने अब तक 50 ट्रेनी SI को गिरफ्तार किया, जिनमें से 25 को हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है।