राज्य सरकार ने 14 मार्च 2024 को चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर के मार्गदर्शन में इन वार्डों की शुरुआत की थी। ये विशेष वार्ड बुजुर्गों के लिए समर्पित स्वास्थ्य सेवा केंद्र के रूप में स्थापित किए गए हैं। करीब 19.70 लाख वृद्धजनों ने इन सेवाओं के लिए पंजीकरण भी करवा लिया है।
सेवा के आंकडे
-18 लाख ओपीडी सेवाएं
-1.05 लाख आईपीडी सेवाएं
-12.2 लाख लैब टेस्ट
-27 हजार से अधिक फिजियोथैरेपी सेवाएं
इन वार्डों में ये मिल रही सुविधाएं
इन वार्डों में 10 आरक्षित फाउलर बैड (5 महिला, 5 पुरुष) की व्यवस्था की गई है, जिनके बीच पदो से गोपनीयता सुनिश्चित की गई है। प्रत्येक बेड के पास नर्सिंग अलार्म लगाया गया है, जिससे आपात स्थिति में तुरंत सहायता मिल सके। वार्डों में फिजियोथैरेपी इकाई, शॉर्ट वेव डायाथर्मी, अल्ट्रासाउण्ड थैरेपी, सरवाइकल ट्रेक्शन, ट्रांस इलेक्ट्रिक नर्वस्टिमुलेटर जैसे उपकरण उपलब्ध हैं।
सुविधाएं व प्रबंधन
-प्रत्येक वार्ड में नोडल अधिकारी नियुक्त -बेड पर ही जांच व रिपोर्ट की सुविधा -विशेषज्ञ चिकित्सक सेवाएं वार्ड में ही उपलब्ध -वार्ड में स्वच्छता, व्हीलचेयर, ट्रॉली, दवा कैबिनेट सहित सभी आवश्यक सुविधाएं
जीरियाट्रिक क्लिनिक शुरू
ओपीडी सेवाओं के लिए जीरियाट्रिक क्लिनिक शुरू किए गए हैं। साथ ही पंजीकरण काउंटर, जांच काउंटर, दवा वितरण आदि पर बुजुर्गों के लिए अलग से व्यवस्था की गई है, जिससे उन्हें लंबी कतारों में खड़े होने से मुक्ति मिल सके।
एक सराहनीय एवं अनुकरणीय कदम
रामाश्रय वार्ड अब राजस्थान के बुजुर्गों के लिए निःशुल्क, सहज और सम्मानजनक स्वास्थ्य सेवा का केंद्र बन गए हैं। यह पहल ना केवल चिकित्सा की दृष्टि से बल्कि सामाजिक दृष्टिकोण से भी एक सराहनीय एवं अनुकरणीय कदम है।