यह था मामला जानकारी के अनुसार बस नंबर एआर–01टी 2656 को परिवहन विभाग द्वितीय ने बीते साल 22 दिसंबर को जब्त किया था। यह बस बस बॉडी कोड एआईएस–119 और एएस– 52 के मानकों का उल्लंघन कर रही थी और इसका रजिस्ट्रेशन पहले ही नवंबर 2023 में सस्पेंड किया जा चुका था। विशेष प्रवर्तन अभियान का नेतृत्व जिला परिवहन अधिकारी संजय शर्मा और मोटर वाहन निरीक्षक राजेश कुमार चौधरी ने किया।
बस मालिक ने उड़ाई नियमों की धज्जियां परिवहन विभाग मार्च 2023 से विशेष प्रवर्तन अभियान चलाया जा रहा है, जिसके तहत अब तक 108 अवैध रूप से संशोधित बसों की पहचान की जा चुकी है। इनमें से कई बसों को जब्त कर उनके रजिस्ट्रेशन निलंबित कर दिए गए। बस संख्या एआर– 01टी 2656 को पहले नवंबर 2023 में निलंबित किया गया था, लेकिन जांच में उक्त बस अभी भी जयपुर-उदयपुर मार्ग पर संचालित मिली। टोल रिपोर्ट से खुलासा हुआ कि बस निलंबन अवधि के दौरान 97 बार इस मार्ग पर यात्रा कर चुकी थी। इस गंभीर उल्लंघन को देखते हुए बस मालिक पर 9.65 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया।
अवैध रूप से मॉडिफाइड बसों से बढ़ा खतरा परिवहन विभाग की जांच में कई मॉडिफाइड बसों का अवैध संचालन होना पाया गया है। बस बॉडी कोड AIS– 119 और AS– 52 का उल्लंघन कर बसों में अवैध रूप से ओवरहैंग बढ़ाकर यात्री संख्या बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा था। कई बसों में स्लीपर सीटों का आकार छोटा कर अवैध लगेज स्पेस बनाया गया था, जिससे यात्रियों की सुरक्षा को खतरा था। बसों में अग्नि सुरक्षा उपकरण नहीं लगे थे, जिससे दुर्घटना की स्थिति में बड़ा हादसा हो सकता था। बस की छत पर अतिरिक्त लगेज ढोने की अवैध व्यवस्था की गई थी, जिससे वाहन का संतुलन बिगड़ सकता था और दुर्घटना की संभावना बढ़ जाती थी।
अवैध संचालन पर हाईकोर्ट भी सख्त मामले में राजस्थान हाईकोर्ट की डबल बेंच ने फैसले में निर्देश दिया है कि बस बॉडी कोड के मानकों का उल्लंघन करने वाले किसी भी वाहन, चाहे वह बस हो या स्लीपर कोच, को सड़कों पर संचालन की अनुमति नहीं दी जाएगी। कोर्ट ने कहा कि सभी बसों को AIS 052, AIS 119 और अन्य लागू बस बॉडी मानकों के अनुरूप होना अनिवार्य है, जो भारत सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा निर्धारित किए गए हैं। हाईकोर्ट ने परिवहन विभाग को यह निर्देश दिए हैं कि बिना वैध संशोधन के कोई भी बस सड़कों पर नहीं चलनी चाहिए। इस आदेश का उद्देश्य सार्वजनिक सुरक्षा को बढ़ावा देना और सड़क पर दुर्घटनाओं को रोकना है।