राजस्थानी दबाव में नहीं आते…न मैं और न ओम बिरला, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का अशोक गहलोत के आरोप पर पलटवार
Vice President Jagdeep Dhankhar : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों के दबाव में काम करने के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आरोप पर सोमवार को पलटवार किया। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि मैं न दबाव डालता हूं और न दबाव में आता हूं। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी दबाव में आ ही नहीं सकते।
पूर्व विधायकों के संगठन राजस्थान प्रगतिशील मंच के कार्यक्रम के दौरान पौधरोपण करते उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ व अन्य। फोटो पत्रिका
Vice President Jagdeep Dhankhar : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों के दबाव में काम करने के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आरोप पर सोमवार को पलटवार किया। उन्होंने कहा कि अब तक राज्यपाल आसान निशाना होते थे, अब उपराष्ट्रपति पद भी जुड़ गया और राष्ट्रपति को भी दायरे में ले लिया, लेकिन मैं सार्वजनिक रूप से स्पष्ट कर देना चाहता हूं मेरे पर कोई दबाव नहीं है। मैं न दबाव डालता हूं और न दबाव में आता हूं। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी दबाव में आ ही नहीं सकते। राजस्थान का व्यक्ति कड़ी मेहनत करता है, वह दबाव में आ ही नहीं सकता।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने पूर्व विधायकों के संगठन राजस्थान प्रगतिशील मंच की ओर से सोमवार को यहां स्नेह मिलन समारोह को संबोधित किया। उन्होंने गहलोत का नाम लिए बिना कटाक्ष किया कि मुझे थोड़ी सी चिंता हुई, मेरे स्वास्थ्य की नहीं बल्कि मेरे मित्र पूर्व मुख्यमंत्री की, जिन्होंने आरोप लगाया कि हम दबाव में हैं। धनखड़ ने कहा, आज राजनीति का जो वातावरण है और जो तापमान है वह प्रजातंत्र के स्वास्थ्य के लिए चिंता व चिंतन का विषय है। हम बेलगाम होकर वक्तव्य जारी कर देते हैं।
चेताया… दुश्मन सीमा पार है, देश में नहीं
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि राजनीति में सत्तापक्ष-प्रतिपक्ष में आना-जाना लगा रहता है, पर इसका मतलब ये नहीं कि दरार-दुश्मनी हो जाए। दुश्मन हमारे सीमापार हो सकते हैं, देश में हमारा कोई दुश्मन नहीं हो सकता। अभिव्यक्ति प्रजातंत्र की जान है, लेकिन जब वह कुंठित होती है या दूसरे के मत को सुने ही नहीं तो वह अस्तित्व खो देती है।
धनखड़ ने कहा कि जब हम 11 साल के कालखंड की बात करते हैं तो आज दुनिया कहती है कि पिछले दशक में अर्थव्यवस्था के हिसाब से भारत ने जो प्रगति की है वह किसी और बड़े देश ने नहीं की है। उन्होंने कहा कि किसानों को पूरी की पूरी सब्सिडी सीधे दी जाए तो नेचुरल फार्मिंग, ऑर्गेनिक फार्मिंग होगी केमिकल-पेस्टिसाइड्स से बचेंगे।
हम पर केवल संविधान का दबाव
समारोह में राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने गहलोत के बयान की ओर से इशारा करते हुए कहा कि उपराष्ट्रपति-राज्यपाल किसी के दबाव में काम नहीं करते, केवल एक ही दबाव रहता है और वह है संविधान का दबाव।
विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि विचारधारा के बजाय आक्षेप की राजनीति पनप रही है, इस दूषित राजनीति को पनपने से रोकना होगा। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि पूर्व विधायकों की सुविधाएं बढ़ाने की मांग जायज है। राजस्थान प्रगतिशील मंच के संरक्षक हरिमोहन शर्मा एवं मंच के कार्यकारी अध्यक्ष जीतराम चौधरी ने भी समारोह को संबोधित किया।