आग की चपेट में आने से कई बकरियां के काल का ग्रास बनने की आशंका जताई जा रही है। ग्रामीणों ने अपने स्तर पर पशुओं और घरों को बचाने के लिए लगातार प्रयास किए। हालांकि तेज़ लपटों और अनुकूल संसाधनों के अभाव के कारण उनका कार्य अत्यंत कठिन था। भीषण आग के बावजूद जिला मुख्यालय से कोई मदद मौके पर नहीं पहुंची। देर शाम तक दमकल वाहन भी घटनास्थल पर नहीं पहुंच पाया, जिससे आग को बुझाने में और भी कठिनाई आई।
आग के कारणों का पता नहीं चला
अब तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि यह आग प्राकृतिक कारणों से लगी या इसके पीछे कोई अन्य वजह है। हालांकि, ग्रामीणों ने मशक्कत कर आग पर काबू पाया।