ताम्बे का पानी और बेल का शरबत
पोकरण की 75 वर्षीय गीवर काकी कहती हैं, आजकल सब फ्रिज का पानी पीते हैं, लेकिन लू में राहत चाहिए तो तांबे के घड़े का पानी ही सबसे बढिय़ा। वह बेल का शरबत, छाछ और आम पना जैसे देसी पेयों को गर्मियों का सबसे कारगर उपाय मानती हैं।परंपरागत पहनावा बना ढाल
गर्मी में बुजुर्ग हमेशा ढीले और हल्के कपड़े पहनते हैं। पुरुष पगड़ी को लू से बचाव के लिए ढाल बनाते हैं तो महिलाएं पूरे शरीर को ढकने वाली चुनरियों का उपयोग करती हैं। ये केवल परंपरा नहीं, बल्कि मौसम से जूझने की वैज्ञानिक समझ का हिस्सा हैं।