राजस्थान में यहां 272 किमी रेल लाइन दोहरीकरण प्रोजेक्ट पर तेजी से चल रहा काम, 48 KM इसी साल हो जाएगा तैयार
Rail Line Project: राजस्थान में 272 किलोमीटर रेल लाइन का दोहरीकरण कार्य काफी तेजी से चल रहा है, जिसमें से 48 किलोमीटर का काम इसी साल पूरा कर लिया जाएगा। रेल लाइन दोहरीकरण के साथ ही विद्युतीकरण का काम भी साथ-साथ किया जा रहा है।
मोदरान-भीनमाल के बीच बनाया जा रहा नया पुल (फोटो-पत्रिका)
Rail Line Project: जालोर। उत्तर पश्चिम रेलवे के जोधपुर मंडल के महत्वपूर्ण लूनी-जालोर-भीलड़ी सेक्शन में रेल लाइन के दोहरीकरण कार्य ने अब गति पकड़ ली है। रेलवे के निर्माण विभाग द्वारा कुल 272 किमी लंबे इस रेलमार्ग के दोहरीकरण के प्रथम चरण में 48 किमी हिस्से का काम इस वर्ष के अंत तक पूरा करने की कार्य योजना निर्धारित की गई है।
जोधपुर मंडल रेल प्रबंधक अनुराग त्रिपाठी ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा 2024 में इस महत्वाकांक्षी परियोजना को स्वीकृति मिली थी। इस प्रोजेक्ट के तहत रेलवे के निर्माण विभाग द्वारा एक साथ तीन चरणों में काम चल रहा है। रेल लाइन दोहरीकरण के साथ ही दोनों लाइनों के लिए विद्युतीकरण के निर्देश भी दिए गए हैं।
3085.5 करोड़ रुपए का बजट पास
रेल प्रबंधक ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के तहत लूनी-समदड़ी-बिशनगढ़ और बिशनगढ़-मारवाड़ कोरी तथा मारवाड़ कोरी से भीलड़ी रेलखंडों में चरणबद्ध तरीके से परियोजना का कार्य निष्पादन किया जाएगा। केंद्र सरकार ने इस परियोजना के लिए 3085.5 करोड़ रुपए का बजट तैयार किया है। जिसमें से साल 2025-2026 के लिए 447 करोड़ रुपए का बजट जारी किया गया है।
रेल प्रोजेक्ट पर क्या-क्या होंगे निर्माण
मार्ग में कुल 28 नए मेजर ब्रिजों का निर्माण कराया जाएगा। 225 माइनर ब्रिजों की वृद्धि होंगी। कुल 90 एलएचएस मार्गों का विस्तार होगा। मार्ग के 31 रेलवे स्टेशनों पर ऊपरी पैदल पुल अथवा सब-वे बनाए जाएंगे।
स्टेशनों के प्लेटफॉर्म की सतह मीडियम से हाई लेवल में बदली जाएंगी। प्लेटफॉर्म शेल्टर, सब-वे व अन्य सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा।
डबल डेकर कंटेनर ट्रेन भरेंगी रफ्तार
लूनी-समदड़ी-जालोर-भीलड़ी रेल लाइन के दोहरीकरण से राजस्थान और गुजरात के कई जिलों के बीच डबल लाइन रेल का सपना पूरा हो जाएगा। इस योजना की सबसे बड़ी बात यह है कि इसपर चीन के जैसे डबल डेकर कंटेनरों का संचालन निर्बाध तरीके हो पाएगा। डबल डेकर कंटेनरों का संचालन पूरी तरह से विद्युत रेल इंजनों से किया जाएगा। कंटेनर के अलावा इस ट्रैक से यात्री ट्रेनों की आवाजाही भी तेज होगी।
क्या है पूरा प्रोजेक्ट ?
दरअसल, यह पूरा प्रोजेक्ट 271.97 किलोमीटर का है। इस प्रोजेक्ट की कुल लागत 3085.5 करोड़ रुपए है। इस प्रोजेक्ट से राजस्थान के जोधपुर, बाड़मेर और जालोर जिले को सीधा फायदा होने वाला है। इसके अलावा गुजरात का बनासकांठा जिला भी इस रेल प्रोजेक्ट के अंतर्गत आता है। ऐसे में दो प्रदेशों की कनेक्टविटी मजबूत होगी।
राजस्थान में तेजी से फैल रहा रेल नेटवर्क
इस रेल लाइन प्रोजेक्ट के अलावा इन दिनों राजस्थान के भीतर कई अन्य रेल प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। केंद्र सरकार का उद्देश्य रेल नेटवर्क को बढ़ाने के साथ ही राजस्थान का तेजी से विकास करना है। प्रधानमंत्री मोदी का मानना है कि किसी भी देश और प्रदेश के विकास के लिए रेल नेटवर्क का मजबूत होना जरूरी है। इसी को ध्यान में रखते हुए राजस्थान में बुलेट ट्रेन चलाने की भी योजना है।
इन प्रोजेक्ट पर भी होना है काम
खाजूवाला और जैसलमेर के बीच करीब 260 किलोमीटर लंबा रेल प्रोजेक्ट भी प्रस्तावित है। यह रेल लाइन श्रीगंगानगर से जैसलमेर होते हुए गुजरात के भुज को जोडे़गी। इस लाइन के जरिए भी राजस्थान की कनेक्टिविटी गुजरात से सीधे जोड़ने की ही है। इसके अलावा प्रदेश के आदिवासी बहुल इलाके में रेल सम्पर्क को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने मारवाड़ बागरा (जालोर)-सिरोही-स्वरूपगंज (96 किलोमीटर) नई रेल लाइन के लिए काम शुरू किया है। इस प्रोजेक्ट को लेकर अभी सर्वे किया जा रहा है।
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