गरीब जोड़ों की शादी के लिए चलाई जा रही मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में कुछ लोग गलत फायदा उठा रहे हैं। ताजा मामला अकलतरा विकासखंड में बुधवार को आयोजित मुयमंत्री कन्या विवाह योजना में सामना आया है। इस दौरान मिनीमाता मंगल भवन में 17 जोड़ों का सामूहिक विवाह किया गया। बारात निकाली गई, साथ ही परियोजना अधिकारी सहित टीम द्वारा बकायदा बारात का स्वागत किया गया। इसमें गांव हरदी निवासी निलेश साहू व उसकी पत्नी चांद साहू भी दूल्हा-दूल्हन बनकर पहुंचे थे।
इनका 18 जनवरी 2025 को बकायदा रीति-रिवाज से कोसा गांव में विवाद संपन्न हो चुका है। दोबारा फिर पैसे के लालच में पहुंच गए। जहां विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों की उपस्थिति में बकायदा रीति-रिवाज से शादी कराई गई। मजे की बात इसकी जानकारी किसी अधिकारी को नहीं थी।
पत्रिका ने पड़ताल कर 21 मार्च के अंक में दो माह पहले की थी शादी, फिर दूल्हा दुल्हन ने सामूहिक कन्या विवाह में ले लिए सात फेरे शीर्षक से खबर प्रकाशित की गई। इसके बाद महिला एवं बाल विकास विभाग अधिकारी ने संज्ञान ली और त्वरित जांच करने पर पाया कि संबंधित जोड़ों द्वारा शपथ पत्र दिया गया, जिसका आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सरपंच द्वारा सत्यापित किया गया है। झूठा शपथ देने के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
संबंधित अंगनबाड़ी कार्यकर्ता पुनीता साहू व पर्यवेक्षक सुनीता नामदेव को परियोजना अधिकारी अकलतरा द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। वर-वधु को प्रदत्त राशि 36 हजार रुपए चेक निरस्त किया गया। शेष 14 हजार व्यय राशि की वसूली की जा रही है। इस कार्रवाई से कर्मचारियों में हड़कंप मचा है।
क्या कहते हैं अधिकारी
इस संबंध में महिला एवं बाल विकास विभाग अधिकारी अनिता अग्रवाल का कहना है कि शिकायत के बाद जांच में वर-वधु द्वारा झूठा शपथ पत्र प्रस्तुत कर योजना का लाभ लेना पाया गया। ऐसे में सामान वापस लिया गया, साथ ही चेक निरस्त किया गया। इसके अलावा कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व पर्यवेक्षक को भी नोटिस जारी किया गया। आगे जांच में दोषी पाए जाने पर कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की जाएगी।
कर्मचारियों को बचाने की जा रही कोशिश
ज्ञात हो कि इस मामले वर-वधु के अलावा संबंधित आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पर्यवेक्षक व परियोजना अधिकारी भी दोषी हैं। क्योंकि शादी के पहले जांच पड़ताल की जानी जाती है। जांच में सब ओके पाया गया। जबकि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता वर-वधु के पड़ोसी हैं। कम से कम पड़ोसियों को तो पूरी जानकारी होती है। ऐसे में उच्चाधिकारियों को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा ही गलत जानकारी दी गई है। इस स्थिति में वर-वधु के अलावा संबंधित पर भी कार्रवाई होनी चाहिए, ताकी दोबारा विभाग के अधिकारी जांच पड़ताल कर सके और पुनरावृत्ति न हो। लेकिन विभाग द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व पर्यवेक्षक को केवल नोटिस जारी किया गया है।