CG News: जानें मामला…
मामले का जब भांडाफोड़ हुआ तो आरोपी फरार हो गया था। आरोपी इतना शातिर था की बार-बार अपना लोकेशन बदल रहा था, अंतत: जशपुर पुलिस ने टीटीई की सहायता से घेराबंदी कर आरोपी को ओडिशा के झारसुगड़ा रेलवे स्टेशन पर धर दबोचा। आरोपी संदीप यादव उम्र 30 वर्ष निवासी रेमते रोड पुरानी बस्ती कुनकुरी का रहने वाला है और उसके विरुद्ध थाना कुनकुरी में ठगी के लिए बीएनएस की धारा 316-5, 318-4, व भादवि की धारा 420, 408 के तहत अपराध पंजीबद्ध है। जानकारी के अनुसार, 6 जनवरी २०25 को आशीष भदौरिया जो आईसेक्ट लिमिटेड के अधिकारी है ने थाना कुनकुरी में रिपोर्ट दर्ज कराया था, कि आरोपी संदीप यादव को भारतीय स्टेट बैंक के द्वारा ग्राहक सेवा केंद्र, कियोस्क सेंटर खोलने की अनुमति दी गई थी। इसी दौरान उन्हें
भारतीय स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की कुनकुरी शाखा के द्वारा आईसेक्ट लिमिटेड को जानकारी दी गई थी कि कियोस्क संचालक संदीप यादव के द्वारा विभिन्न खातेधारकों के खातों से अनाधिकृत रूप से राशि निकालकर गबन किया है।
हेराफेरी की स्थिति स्पष्ट
आईसेक्ट लिमिटेड के अधिकारियों के द्वारा शिकायतों के संबंध में भारतीय स्टेट बैंक ऑफ इंडिया शाखा कुनकुरी में जाकर 59 शिकायतों की जांच की तो पाया कि आरोपी संदीप के द्वारा एसबीआई कुनकुरी की खाता धारकों क्रमश: सुमित्रा बाई से 10 हजार, जानकी देवी से 19 हजार, शशिलता एक्का 10 हजार ऐसे लगभग 20 लोगों से कुल 10 लाख 79 हजार 700 रुपए की हेराफेरी की स्थिति स्पष्ट हुई।
कियोस्क संचालक संदीप यादव अपने व्यक्तिगत हितो की पूर्ति के लिए विभिन्न शिकायतकर्ताओं के खातों से राशि गबन किया एवं स्टेट बैंक आफ इंडिया और आईसेक्ट लिमिटेड के साथ धोखाधड़ी की है। साथ ही इस बात की भी संभावना है कि अन्य खातेधारों के साथ इस तरह की धोखाधड़ी के और भी प्रकरण हैं।
42 लाख रुपए तक जाने की संभावना
CG News: आरोपी संदीप यादव के विरुद्ध थाना कुनकुरी में अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया था। आरोपी घटना के उजागर होते ही फरार हो गया था। पुलिस के द्वारा उसकी लगातार पतासाजी की जा रही थी। आरोपी जब पकड़ा गया तो पुलिस के द्वारा आरोपी संदीप यादव के कब्जे से दो लैपटॉप, बायोमैट्रिक्स डिवाइस, ग्राहकों के लेने देन से संबंधित दस्तावेज, रजिस्टर, मोबाइल फोन व नगद रकम को जब्त किया गया है। पुलिस की पूछताछ पर आरोपी संदीप यादव ने अपराध स्वीकार करते हुए बताया कि उसके द्वारा कियोस्क शाखा में आने वाले ग्रामीण ग्राहकों से
केवायसी के नाम पर बायोमेट्रिक डिवाईस में अंगूठा लगवाकर ग्राहकों के रकम को अपने स्टेट बैंक के खाते में ट्रांसफर कर लेता था और रकम निकाल लेता था। आरोपी द्वारा गबन की गई राशि की 42 लाख रुपए तक जाने की संभावना है, जिसके संबंध में जांच जारी है।