क्य है मिर्गी
मिर्गी को मस्तिष्क में दौरे पड़ने के विकार के रूप में जाना जाता है। यह मस्तिष्क की ऐसी स्थिति है जो बार-बार दौरे का कारण बनती है, लेकिन सभी दौरे मिर्गी नहीं हैं। अगर चौबीस घंटे में बगैर उकसावे के दो बार दौरे आते हैं तो मिर्गी होने की पूरी आशंका है। आम भाषा में कहें तो मिर्गी रोग में दिमाग के न्यूरोंस के सर्किट में कुछ गड़बड़ हो जाती है जिसके कारण दौरे आने लगते हैं।वर्तमान में सड़क दुर्घटना बड़ा कारण
सड़क दुर्घटना में चोट लगना मिर्गी का वर्तमान में सबसे बड़ा कारण है। कार अथवा दुपहिया वाहन से दुर्घटना के समय सिर पर हल्की चोट लगने से भी मिर्गी हो सकती है।नशा छोड़ते ही पड़ते दौरे
एल्कोहल, अफीम, एमडी ड्रग जैसे नशे इसलिए भी घातक साबित हो रहें हैं क्योंकि इसके एकदम छोड़ने से भी मिर्गी के दौरे शुरू हो जाते हैं। एल्कोहल से जुड़े ऐसे कई मरीज एमडीएम अस्पताल की ओपीडी में इलाज के लिए आते हैं। मॉरफिन का नशा इससे भी अधिक खतरनाक है। इसके अलावा धूम्रपान की लत वाले मरीजों में भी मिर्गी देखी गई है।मिर्गी रोगी है तो इनका ध्यान रखें, इन कारणों से बढ़ सकते हैं दौरे
- * शराब का सेवन
- * चमकती हुई रोशनी
- * नशीली दवाओं का उपयोग
- * दौरे रोकने वाली दवाओं की खुराक छोड़ना या निर्धारित से अधिक लेना
- * नींद की कमी
- * मासिक धर्म चक्र के दौरान हार्मोन में बदलाव
- * तनाव
- * खाना छोड़ना
- * निर्जलीकरण या डिहाइड्रेशन
मिर्गी के कारण
आनुवंशिक: कई मामलों में मिर्गी आनुवंशिक होती है। यह विशिष्ट जीन के कारण होती है। माता-पिता से बच्चों में मिर्गी होने की आशंका रहती है।सिर में चोट: कार दुर्घटना या अन्य दर्दनाक चोट के परिणामस्वरूप सिर में चोट लगने से मिर्गी हो सकती है।
मस्तिष्क में कारक: मस्तिष्क के ट्यूमर से मिर्गी हो सकती है। मस्तिष्क में रक्त वाहिकाओं के बनने के तरीके से भी मिर्गी हो सकती है।
संक्रमण: मेनिनजाइटिस, एचआइवी, वायरल एन्सेफलाइटिस और कुछ परजीवी संक्रमण मिर्गी का कारण बन सकते हैं।
जन्म से पहले चोट लगना: मां के गर्भ में पल रहे भ्रूण का मस्तिष्क चोट के प्रति संवेदनशील होता है। मां में संक्रमण, खराब पोषण या पर्याप्त ऑक्सीजन न मिलने से भी मिर्गी हो सकती है।
- डॉ. शुभकरण खीचड़, न्यूरोफिजिशियन, एमडीएम अस्पताल जोधपुर