उन्होंने विपक्ष पर इस मुद्दे को गलत तरीके से भुनाने की कोशिश करने का आरोप लगाया और कहा कि कांग्रेस अपनी ही रणनीति में उलझ गई।
कांग्रेस खुद ही अपने जाल में फंसी- मंत्री
जोगाराम पटेल ने कहा कि राज्य सरकार ने इस मामले में आधिकारिक बयान जारी कर दिया है, लेकिन इसके बावजूद विपक्ष ने विधानसभा में इस पर हंगामा खड़ा करने की कोशिश की। हालांकि, कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ी और उसकी आपसी लड़ाई के कारण नेता प्रतिपक्ष का भाषण भी नहीं हो सका। संसदीय कार्य मंत्री ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि फोन टैपिंग की परंपरा पिछली सरकार में अशोक गहलोत ने शुरू की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि गहलोत सरकार के ओएसडी ने सरकारी गवाह बनकर यह स्वीकार किया है कि पिछली सरकार ने फोन टैपिंग करवाई थी। इस मामले में अशोक गहलोत खुद मुल्जिम हैं और कोर्ट में मामला लंबित है।
‘विपक्ष को राजनीति करने का हक नहीं’
मंत्री पटेल ने किरोड़ी लाल मीणा की नाराजगी को सरकार का आंतरिक मामला बताया और कहा कि इस पर विपक्ष को राजनीति करने का कोई हक नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस फोन टैपिंग को मुद्दा बनाने की कोशिश कर रही है, जबकि खुद अशोक गहलोत इस मामले में कानूनी कार्रवाई का सामना कर रहे हैं।
पटेल ने कहा कि कांग्रेस ने इस मुद्दे को बिना नोटिस के विधानसभा में उठाया और हंगामा किया। विधानसभा अध्यक्ष और मुख्य सचेतक ने कांग्रेस से चर्चा की कोशिश की, लेकिन वे हंगामा करने पर अड़े रहे। मुख्यमंत्री ने कांग्रेस को करारा जवाब दिया और विपक्ष की रणनीति को पूरी तरह से विफल कर दिया।
राज्य सरकार ने स्पष्ट किया कि किरोड़ी लाल मीणा के फोन टैपिंग के आरोप बिल्कुल निराधार और झूठे हैं। संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि यह पूरी तरह से मनगढ़ंत कहानी है, कांग्रेस इसे जबरदस्ती तूल दे रही है।
क्या बोले थे किरोड़ी लाल मीणा?
गौरतलब है कि कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने जयपुर के आमागढ़ मंदिर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान सरकार पर उनकी जासूसी करने और फोन टैपिंग का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि मेरी जासूसी हो रही है। फोन टैपिंग की जा रही है। पिछली सरकार में भी यही किया गया था, लेकिन मैंने सभी को चकमा दे दिया था। अब फिर से वही हो रहा है। किरोड़ी लाल मीणा ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने भ्रष्टाचार के कुछ मामलों को उजागर किया, तो सरकार ने उनकी गतिविधियों पर नजर रखनी शुरू कर दी। उन्होंने कहा कि 50 फर्जी थानेदारों को गिरफ्तार किया गया था। मैंने जब परीक्षा रद्द करने की मांग की, तो सरकार ने मेरी बात नहीं मानी। उल्टा मेरे खिलाफ ही सीआईडी लगा दी गई और फोन टैपिंग शुरू कर दी गई। लेकिन इससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता।